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1947 में हुए भारत-पाकिस्तान के विभाजन ने दक्षिण एशिया का नक्शा हमेशा के लिए बदल दिया। इसके बाद 1971 में बांग्लादेश का उदय हुआ। तीनों देशों में मुस्लिम आबादी की स्थिति, संख्या और भविष्य की जनसंख्या वृद्धि पर प्यू रिसर्च की रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण तस्वीर पेश करती है।

बंटवारे के बाद बनी स्थिति

साल 1947 में भारत के विभाजन से पाकिस्तान बना, जो मुस्लिम बहुल राष्ट्र था। 24 साल बाद, 1971 में पाकिस्तान का एक और विभाजन हुआ और पूर्वी पाकिस्तान, बांग्लादेश के रूप में सामने आया।

पाकिस्तान की कुल आबादी का 96.4% हिस्सा मुस्लिम है।

बांग्लादेश में 90.6% मुस्लिम आबादी है।

भारत में मुस्लिम आबादी 14.9% है, लेकिन संख्या के लिहाज से ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है।

मुस्लिम आबादी: संख्या के आधार पर कौन है आगे?

प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट (2015) के अनुसार:

भारत: 19.48 करोड़ मुस्लिम

पाकिस्तान: 18.40 करोड़ मुस्लिम

बांग्लादेश: 14.40 करोड़ मुस्लिम

यानी, प्रतिशत के आधार पर भारत में मुसलमान कम हैं, लेकिन संख्या में सबसे ज्यादा मुस्लिम भारत में ही रहते हैं।

अगर बंटवारा नहीं होता तो?

अगर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक ही देश होते तो इस संयुक्त राष्ट्र में 2015 तक मुस्लिम आबादी 52.28 करोड़ होती।
रिपोर्ट के अनुसार, 2060 तक यह आंकड़ा बढ़कर 79.85 करोड़ हो जाता। यह दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश होता।

2060 तक क्या होगी स्थिति?

प्यू रिसर्च के अनुमान के अनुसार:

देश2060 में मुस्लिम आबादी (संख्या)आबादी का प्रतिशत
भारत33.30 करोड़19.4%
पाकिस्तान28.36 करोड़96.5%
बांग्लादेश18.18 करोड़91.9%

भारत में मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि सबसे तेज़ रहने वाली है। इस लिहाज से 2060 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा, जो आज की तारीख में इंडोनेशिया है।


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