The News 11 , Digital Desk: आज 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर उत्तराखंड के हिमालयी तीर्थों की सबसे प्रतिष्ठित चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत हो चुकी है। हर साल की तरह इस बार भी गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं, जिसके साथ ही धार्मिक आस्था और भक्ति की महायात्रा का शुभारंभ हो गया है।
चारधाम यात्रा को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। यह यात्रा न केवल पुण्य अर्जित करने का अवसर है बल्कि मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग भी मानी जाती है। पौराणिक मान्यता है कि चारधाम की यात्रा से व्यक्ति जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है।
1. चारधाम यात्रा का महत्व: मोक्ष का मार्ग
चारधाम यात्रा में चार पवित्र तीर्थ आते हैं: यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ। यह यात्रा भगवान विष्णु, शिव, गंगा और यमुना के दर्शन के माध्यम से आध्यात्मिक अनुभव, पापों से मुक्ति और जीवन में संतुलन पाने का प्रतीक मानी जाती है।
यात्रा की शुरुआत का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया को “स्वयंसिद्ध मुहूर्त” कहा जाता है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए पंचांग या ज्योतिषीय गणना की जरूरत नहीं होती। यही कारण है कि चारधाम यात्रा की शुरुआत हर साल अक्षय तृतीया से ही होती है।
2. कौन-कौन से स्थल आते हैं चारधाम यात्रा में?
यह यात्रा का पहला पड़ाव होता है और यमुना नदी के स्रोत के रूप में पूजा जाता है। यह स्थल यमराज की बहन यमुनाजी को समर्पित है। मान्यता है कि यमुनोत्री की यात्रा से जीवन की कठिनाइयां कम होती हैं।
गंगोत्री: गंगा मैया का उद्गम स्थल
दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम, मां गंगा को समर्पित है। यह वह स्थान है जहां भागीरथ की तपस्या से गंगा अवतरित हुई थीं। यह स्थल आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक शांति का प्रतीक है।
केदारनाथ: शिव महादेव की तपोभूमि
तीसरा धाम केदारनाथ है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और यहाँ दर्शन करने से सभी पापों का नाश होता है।
बद्रीनाथ: भगवान विष्णु का पुण्य धाम
अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ धाम है, जहां भगवान विष्णु की पूजा होती है। यह स्थान ज्ञान, भक्ति और मोक्ष का केंद्र है और इसे वैष्णवों का सर्वोच्च तीर्थ माना गया है।
3. आज खुले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट
गंगोत्री के कपाट खुले सुबह 10:30 बजेगंगोत्री धाम में आज सुबह 10:30 बजे विधिपूर्वक कपाट खोले गए। वैदिक मंत्रोच्चार और भक्ति संगीत के बीच हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए।
यमुनोत्री धाम में दर्शन शुरू हुए 11:50 बजे से
यमुनोत्री मंदिर के कपाट 11:50 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। मां यमुना की पूजा-अर्चना के बाद भक्तों का आना शुरू हो गया और मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखा गया।
4. केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट कब खुलेंगे?
अगला पड़ाव है केदारनाथ धाम, जो 2 मई की सुबह 7:00 बजे कपाट खोलने के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। यहाँ बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में यात्री जुटने लगे हैं।
4 मई को भक्तों के लिए खुलेगा बद्रीनाथ
बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025 को खोले जाएंगे। यह यात्रा का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है, जहां भगवान विष्णु की शरण में आकर यात्रा पूरी होती है।
5. श्रद्धा, स्वास्थ्य और अध्यात्म से जुड़ी यात्रा
चारधाम यात्रा केवल धार्मिक या तीर्थ यात्रा नहीं है, यह आत्मिक शुद्धिकरण और आध्यात्मिक चेतना की एक यात्रा है। कहा जाता है कि इस यात्रा से कर्मों का शुद्धिकरण होता है और मनुष्य का चित्त शांत होता है।
बढ़ रही है भक्तों की संख्या और उत्साह
हर साल की तरह इस साल भी लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं। राज्य प्रशासन और उत्तराखंड सरकार ने भी श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं, जिससे यह यात्रा सुगम और सुरक्षित बन सके।
Read More: मई 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर: बुद्ध पूर्णिमा से शनि जयंती तक, जानिए तिथियां, महत्व और पूजा मुहूर्त"
Brijendra
Share



