जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच चुका है। जहां भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है और लगातार कड़े कदम उठा रहा है, वहीं पाकिस्तान भी कूटनीतिक रूप से पलटवार कर रहा है।
ऐसे संवेदनशील समय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का हस्तक्षेप सामने आया है, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से बात करते हुए क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि "दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह के टकराव को सहन नहीं कर सकती," और इस तरह का टकराव विनाशकारी साबित हो सकता है।
यह बयान न केवल दक्षिण एशिया बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, और किसी भी सैन्य टकराव का असर सिर्फ सीमित क्षेत्र तक नहीं रहेगा।
1. पहलगाम हमले के बाद उपजा टकराव
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक और हिंदू समुदाय के लोग थे। आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्या की, जो कि एक बर्बर और अमानवीय कृत्य था।
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन TRF (The Resistance Front) ने ली। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली।
भारत की जवाबी कार्रवाई और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
हमले के फौरन बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक रिश्तों को न्यूनतम स्तर तक ले जाने की प्रक्रिया शुरू की। वहीं पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का ऐलान किया है। यह कूटनीतिक लड़ाई अब वैश्विक मंच पर पहुंच चुकी है।
2. गुटेरेस की पहल: जयशंकर और शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से टेलीफोन पर बात की। इस बातचीत का उद्देश्य था—दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करना और वार्ता के जरिए समाधान निकालने की कोशिश करना।
आतंकी हमले के विरोध में गुटेरेस का रुख साफ
गुटेरेस ने यह भी स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। चाहे हमला कहीं भी और किसी के खिलाफ हुआ हो, इसकी निंदा की जानी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
उनका रुख यह दर्शाता है कि संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ है, लेकिन युद्ध या टकराव को किसी भी स्थिति में समर्थन नहीं देगा।
3. संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया: युद्ध से बचने की अपील
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महासचिव ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे टकराव से दूर रहना जरूरी है, क्योंकि इसके "दुखद परिणाम" हो सकते हैं।
'दुखद परिणाम हो सकते हैं' - संयुक्त राष्ट्र का संदेश
गुटेरेस ने इस मुद्दे पर वैश्विक दृष्टिकोण से बात करते हुए कहा कि दुनिया इस प्रकार का टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती। भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई न केवल क्षेत्र के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरा बन सकती है।
4. सुरक्षा परिषद की निंदा: आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी पहलगाम आतंकी हमले की सख्त निंदा की है। परिषद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और जो भी इसके पीछे हैं उन्हें न्याय के कठघरे में लाना चाहिए।
वैश्विक मंच पर भारत को मिला समर्थन
UNSC की निंदा और गुटेरेस के बयान से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिला है। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को नैतिक और कूटनीतिक मजबूती देता है।
5. भारत के सख्त कदम: कूटनीतिक और रणनीतिक कार्रवाई
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो अब तक दोनों देशों के बीच जल साझा करने का एकमात्र समझौता था। इसके अलावा भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक देश छोड़ने का आदेश भी जारी किया गया है।
पाकिस्तान की जवाबी प्रतिक्रिया: हवाई क्षेत्र बंद
इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया है। इस फैसले का असर केवल एयरलाइन इंडस्ट्री पर ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के व्यापार और संपर्क पर भी पड़ेगा।
Brijendra
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