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अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में शनिवार, 19 अप्रैल 2025 को रिक्टर स्केल पर 5.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका असर जम्मू-कश्मीर, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान सहित कई क्षेत्रों में महसूस किया गया। भूकंप की गहराई जमीन से 86 किलोमीटर नीचे थी, जिससे इसके झटके दूर-दूर तक महसूस हुए।

भारत में भी महसूस हुए झटके

भारतीय समयानुसार दोपहर 12:20 बजे झटकों का अहसास हुआ

खासतौर पर जम्मू-कश्मीर के इलाकों में हलचल देखी गई

लोग घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए, लेकिन अब तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है

German Research Centre for Geosciences के अनुसार, गहराई अधिक होने से भूकंप का असर दूर तक गया

पाकिस्तान में भी भूकंप का असर

इस्लामाबाद और उत्तरी पाकिस्तान में सुबह 11:47 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए

रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.9 दर्ज की गई

रावलपिंडी, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के कई हिस्सों में कंपन महसूस हुआ

सावधानी के तहत स्कूल और ऑफिस खाली कराए गए

एक सप्ताह में तीसरा भूकंप, डर का माहौल

पिछले सात दिनों में पाकिस्तान में यह तीसरा भूकंप था

इससे पहले 13 अप्रैल को 5.8 तीव्रता का भूकंप रावलपिंडी के पास दर्ज किया गया था

लगातार आ रहे झटकों के चलते आम लोगों में डर का माहौल है

म्यांमार के शक्तिशाली भूकंप के बाद बढ़ी गतिविधि

विशेषज्ञों के अनुसार, 28 मार्च को म्यांमार के मांडले क्षेत्र में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद पूरे क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है

बीते एक महीने में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल और ताजिकिस्तान में 100 से ज्यादा बार धरती हिल चुकी है

यह इलाका हिमालयन फॉल्ट लाइन और यूरेशियन व इंडो-ऑस्ट्रेलियन टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव क्षेत्र में आता है, जिसे भूकंप संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है


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