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The News 11 Live , Digital Desk:  उत्तर कोरिया ने एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत का सार्वजनिक प्रदर्शन किया है, और इस बार फोकस है नौसेना पर। सप्ताह की शुरुआत में लॉन्च किए गए युद्धपोत की हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण कर उत्तर कोरिया ने संकेत दे दिया है कि वह अब समुद्री सीमा पर भी दबदबा स्थापित करना चाहता है।

राज्य मीडिया केसीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्धपोत पर क्रूज मिसाइल, विमान भेदी मिसाइल, स्वचालित तोप और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम जैसे आधुनिक हथियारों का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण को स्वयं उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने देखा और निर्देशित किया।

किम ने इस दौरान साफ शब्दों में कहा कि अब समय आ गया है कि देश की नौसेना को भी परमाणु हथियारों से लैस किया जाए। यह बयान केवल एक सैन्य रणनीति नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय संदेश है—उत्तर कोरिया अब हर मोर्चे पर ताकत दिखाना चाहता है।

1. युद्धपोत परीक्षण: हथियारों की पहली झलक

परीक्षण के दौरान जो हथियार प्रणाली दिखाई गई, उसमें आधुनिक तकनीक की झलक साफ देखने को मिली। इस युद्धपोत से न केवल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें दागी गईं, बल्कि एंटी-एयर मिसाइल और स्वचालित तोपों का भी प्रदर्शन किया गया।

युद्धपोत की क्षमताओं को परखने के लिए समुद्र में गोलाबारी और लक्ष्य साधने का अभ्यास किया गया।

किम जोंग उन की उपस्थिति और संदेश

किम जोंग उन ने खुद इस परीक्षण में हिस्सा लिया और अधिकारियों को हथियार प्रणाली के प्रदर्शन पर बधाई दी। उन्होंने इसे "देश की सुरक्षा के लिए एक जरूरी कदम" बताया और नौसेना के परमाणुकरण की दिशा में आगे बढ़ने का संकेत दिया।

2. किम जोंग उन का नया ऐलान: नौसेना को परमाणु ताकत से लैस करने का इरादा

किम ने स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तर कोरिया की नौसेना को अब केवल पारंपरिक हथियारों से नहीं, बल्कि परमाणु हथियारों से भी लैस किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य है—दुश्मन को हर मोर्चे पर जवाब देने की ताकत।

यह बयान उत्तर कोरिया की सैन्य नीति में एक बड़ा बदलाव है। अब तक उसकी परमाणु रणनीति मुख्यतः थल और वायु आधारित रही है, लेकिन अब समुद्र के रास्ते भी परमाणु जवाबी हमला संभव हो सकता है।

सैन्य रणनीति में नौसेना की बढ़ती भूमिका

उत्तर कोरिया की नौसेना अब तक केवल सीमित दायरे में सक्रिय रही है, लेकिन इस नए युद्धपोत और किम की घोषणा से साफ है कि नौसेना को अब बड़ी भूमिका देने की योजना बनाई जा रही है।

3. उत्तर कोरिया का दावा: युद्धपोत की ‘शक्तिशाली क्षमताएं’

KCNA की रिपोर्ट के अनुसार, इस युद्धपोत में शामिल हथियार प्रणाली बेहद उन्नत हैं। इनमें सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, विमान भेदी मिसाइलें, ऑटोमैटिक तोपें और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग गन शामिल हैं।

ये सभी सिस्टम उत्तर कोरिया की तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता का संकेत हैं।

5,000 टन क्षमता वाला युद्धपोत बना एक साल में

इस युद्धपोत की एक और खास बात यह है कि इसे केवल एक साल में बनाया गया है। 5,000 टन वजनी इस पोत की निर्माण प्रक्रिया को किम जोंग उन की निगरानी में तेज़ी से पूरा किया गया, और लॉन्च समारोह में उन्होंने इसे "सफल सैन्य निर्माण" करार दिया।

4. अमेरिका और सहयोगियों को चेतावनी: किम का उग्र संदेश

लॉन्च समारोह के दौरान किम जोंग उन ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की आक्रामक नीतियों के खिलाफ उत्तर कोरिया अब चुप नहीं बैठेगा और हर मोर्चे पर जवाब देगा।

उनका यह बयान सीधे-सीधे अमेरिका और दक्षिण कोरिया को चुनौती देने जैसा था, जो अक्सर उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों की आलोचना करते आए हैं।

दक्षिण कोरिया के साथ बढ़ती तनातनी

हाल ही में दक्षिण कोरिया और अमेरिका द्वारा की गई संयुक्त सैन्य अभ्यास ने उत्तर कोरिया को और उकसाया है। युद्धपोत के परीक्षण और किम की चेतावनी को इसी कड़ी में देखा जा रहा है।

5. क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर असर: कोरियाई प्रायद्वीप में नया तनाव

इस युद्धपोत के लॉन्च और हथियार परीक्षण के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य संतुलन पर बड़ा असर पड़ सकता है। अब तक उत्तर कोरिया की सामरिक ताकत थल और वायु पर केंद्रित रही थी, लेकिन अब समुद्र में भी उसकी मौजूदगी एक बड़ी चिंता बन गई है।

अमेरिका और सहयोगी देशों की संभावित प्रतिक्रिया

इस परीक्षण के बाद अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की प्रतिक्रिया आनी तय है। ये देश पहले ही उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं और अब इस नई गतिविधि के बाद राजनयिक और सैन्य स्तर पर सख्ती और बढ़ सकती है।


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