दिल्ली एनसीआर और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में अपनी ईको-फ्रेंडली टैक्सी सेवाओं के लिए पहचानी जाने वाली इलेक्ट्रिक कैब कंपनी ब्लू स्मार्ट इन दिनों विवादों में घिरी हुई है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्लू स्मार्ट ने कुछ प्रमुख क्षेत्रों में अपनी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। ये कदम सीधे तौर पर कंपनी के सह-संस्थापक अनमोल सिंह जग्गी और उनके भाई पुनीत सिंह जग्गी से जुड़े एक विवाद का परिणाम माना जा रहा है, जो जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (Gensol Engineering Ltd.) से जुड़े हैं।
SEBI का कड़ा रुख
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में Gensol और उसके प्रमोटरों के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत कड़ा एक्शन लिया है। आरोप है कि इन लोगों ने कंपनी के फंड्स का गलत इस्तेमाल किया और निजी खर्चों के लिए उन्हें डायवर्ट किया। इसी कारण से SEBI ने अनमोल और पुनीत जग्गी पर बाज़ार से प्रतिबंध भी लगा दिया है। इस फैसले ने सीधे तौर पर ब्लू स्मार्ट की विश्वसनीयता और संचालन पर असर डाला है।
ब्लू स्मार्ट की सेवाएं प्रभावित
जैसे ही विवाद सामने आया, ब्लू स्मार्ट ने दिल्ली एयरपोर्ट, नई दिल्ली और गुरुग्राम जैसे कई इलाकों में अपनी सेवाएं आंशिक रूप से बंद करनी शुरू कर दीं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर यह शिकायत की कि उन्हें कैब बुक करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। कंपनी के ऐप पर उपलब्धता कम हो गई है और बुकिंग टाइम भी बढ़ गया है।
सामाजिक मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
इस पूरी घटना ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा पैदा कर दी है। कई यूज़र्स ने संस्थापकों की नीयत और ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं। एक सोशल मीडिया यूज़र @rajivtalreja ने लिखा, “यह कितनी शर्म की बात है… संस्थापकों द्वारा निजी खर्चों के लिए फंड डायवर्ट करना पूरी स्टार्टअप संस्कृति के लिए एक धब्बा है। भारत के संस्थापकों को अब आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।”
एक अन्य यूज़र @iashishjuneja ने टिप्पणी करते हुए कहा, “यह देखना दुखद है कि एक और उभरता हुआ स्टार्टअप वित्तीय गड़बड़ी के कारण अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। पारदर्शिता और ईमानदारी आज स्टार्टअप इकोसिस्टम की सबसे बड़ी ज़रूरत बन गई है।”
अनमोल जग्गी की भूमिका पर सवाल
ब्लू स्मार्ट के संचालन में अनमोल जग्गी की केंद्रीय भूमिका है। वे कंपनी की रणनीति और फंडिंग दोनों से गहराई से जुड़े हुए हैं। ऐसे में जब उनकी दूसरी कंपनी Gensol विवादों में आई, तो इसका असर सीधे ब्लू स्मार्ट पर भी दिखने लगा। निवेशकों और यूज़र्स दोनों का भरोसा डगमगाने लगा है, और इसका नतीजा सेवाओं के रुकने के रूप में सामने आ रहा है।
आगे क्या होगा?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ब्लू स्मार्ट कब तक अपनी सेवाएं सामान्य कर पाएगी। कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे भ्रम और भी बढ़ गया है। यह संकट केवल एक कैब कंपनी तक सीमित नहीं है; यह पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक चेतावनी है कि बिना पारदर्शिता और सही फाइनेंशियल मैनेजमेंट के, कोई भी बिजनेस ज़्यादा दूर नहीं जा सकता।
Brijendra
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