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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इस तनाव का सीधा असर अब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर दिखने लगा है। बुधवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में करीब 2000 अंकों की ऐतिहासिक गिरावट देखी गई।

इस गिरावट के पीछे भारत द्वारा की जाने वाली संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका को बड़ा कारण माना जा रहा है। निवेशक डरे हुए हैं, बाजार अस्थिर है और पूरे पाकिस्तान में आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति बन गई है।

1. पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख और पाक में बेचैनी

22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत का रुख बेहद सख्त हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की तीनों सेनाओं को जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दे दी है—टारगेट, टाइमिंग और मोड सभी का फैसला सेना कर सकती है।

सैन्य कार्रवाई की अटकलों से डरा पाकिस्तान

इस निर्देश के बाद से पाकिस्तान में गहरी चिंता देखी जा रही है। खासकर सरकार के उच्च स्तर पर घबराहट का माहौल है। डर इस कदर है कि मंत्रियों की ओर से भी सैन्य हमले की संभावना को लेकर बयान आने लगे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ती जा रही है।

2. अताउल्लाह तरार के बयान से निवेशकों में डर गहराया

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने मंगलवार रात दिए एक बयान में कहा कि उन्हें पुख्ता जानकारी मिली है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। यह बयान एक तरह से पाकिस्तान सरकार की स्थिति की नाजुकता को उजागर करता है।

बाजारों में तुरंत दिखा असर

तरार के इस बयान के कुछ ही घंटों में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में गिरावट की शुरुआत हो गई। निवेशकों को अंदेशा हो गया कि किसी भी समय भारत की ओर से सैन्य एक्शन हो सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था और अस्थिर हो जाएगी।

3. पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में बड़ी गिरावट

बुधवार सुबह कराची स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट देखने को मिली। KSE-100 इंडेक्स 1717.35 अंकों यानी 1.5% की गिरावट के साथ 113,154.83 पर खुला, जो एक दिन पहले 114,872.18 पर बंद हुआ था।

कुछ ही समय में यह गिरावट और बढ़कर 2,073.42 अंकों (1.8%) तक जा पहुंची। यह केवल तकनीकी कारणों से नहीं बल्कि जियोपॉलिटिकल तनाव के कारण आई गिरावट थी।

कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 में 1.8% की गिरावट

पाकिस्तानी मीडिया और विश्लेषकों के अनुसार, इतनी बड़ी गिरावट आम नहीं है और यह स्पष्ट संकेत है कि भारत-पाक तनाव निवेशकों को बुरी तरह डरा रहा है। इस बीच मार्केट वॉल्यूम भी घट गया और ट्रेडिंग धीमी हो गई।

4. एक्सपर्ट्स की राय: अनिश्चितता और डर ने बिगाड़ा बाजार का मूड

चेज सिक्योरिटीज के रिसर्च डायरेक्टर यूसुफ एम. फारूक ने कहा, "पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज की गिरावट का मुख्य कारण संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर बन रही स्थिति है।" वहीं, एकेडी सिक्योरिटीज की विश्लेषक फातिमा बुचा ने कहा कि सरकार के बयान और बढ़ते तनाव ने निवेशकों की चिंताओं को और गहरा कर दिया है।

राजनीतिक बयानों से भड़की घबराहट

फातिमा ने यह भी कहा कि सूचना मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बाजार में बेचैनी और तेज हो गई, क्योंकि लोगों को लगा कि अब सैन्य कार्रवाई करीब है। ऐसी स्थिति में निवेशक 'सेल मोड' में चले जाते हैं, जो बाजार को नीचे की ओर खींचता है।

5. व्यापार पर भी असर: बाजारों और शॉपिंग सेंटर्स में सन्नाटा

ऑल कराची ताजिर इत्तेहाद एसोसिएशन के अध्यक्ष अतीक मीर ने कहा कि इस तनाव का असर सिर्फ शेयर बाजार पर नहीं, बल्कि पूरे व्यावसायिक माहौल पर पड़ा है। दुकानों और बाजारों में खरीदार नहीं आ रहे हैं और कारोबारी गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं।

सैन्य टकराव की आशंका ने रोक दी सामान्य कारोबारी गतिविधि

उन्होंने कहा, “हर कोई सोच रहा है कि अब आगे क्या होगा। किसी को भी भविष्य का भरोसा नहीं है।" यही अनिश्चितता आर्थिक गतिविधियों को रोक देती है, और जब तक हालात स्थिर नहीं होंगे, पाकिस्तान के बाजार में सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिखती।


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