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हार्मोनल परिवर्तन : रजोनिवृत्ति के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन की कमी हो जाती है। इससे महिलाओं में मूड स्विंग, नींद की समस्या और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं

हड्डियों की कमजोरी: रजोनिवृत्ति के बाद हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है, जिससे हड्डियां जल्दी टूटने लगती हैं।

वजन बढ़ना: जैसे ही चयापचय धीमा हो जाता है, रजोनिवृत्ति के बाद वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। पेट और कमर के आसपास चर्बी जमा होने लगती है।

वजन बढ़ना : जैसे ही चयापचय धीमा हो जाता है, रजोनिवृत्ति के बाद वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। पेट और कमर के आसपास चर्बी जमा होने लगती है

दिल की सेहत पर असर: हार्मोनल बदलाव से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

दिल की सेहत पर असर : हार्मोनल बदलाव से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

त्वचा और बालों में बदलाव : रजोनिवृत्ति के बाद त्वचा शुष्क और पतली हो सकती है और बालों का झड़ना भी आम है।

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