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21 अप्रैल, सोमवार को शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में Adani Ports & SEZ (अडानी पोर्ट्स) के शेयरों में 4% तक की गिरावट दर्ज की गई, जो कि 7 अप्रैल के बाद की सबसे तेज गिरावट मानी जा रही है। यह गिरावट उस समय आई जब कंपनी ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के एक कोल एक्सपोर्ट टर्मिनल के अधिग्रहण की घोषणा की थी।

 शेयरों में गिरावट की वजह क्या है?

कंपनी ने 2.54 अरब डॉलर (लगभग ₹21,600 करोड़) की एंटरप्राइज वैल्यू पर नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल (NQXT) के अधिग्रहण की घोषणा की।

यह डील नॉन-कैश आधारित है, जिसके तहत 143.8 मिलियन नए शेयर जारी किए जाएंगे।

नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट जैसे ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि इस डील से EPS (earning per share) में गिरावट आ सकती है, जिससे बाजार में आशंका बढ़ी।

 नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल क्या है?

यह ऑस्ट्रेलिया के ईस्ट कोस्ट पर स्थित एक डीप-वॉटर कोल एक्सपोर्ट फेसिलिटी है।

इसकी वार्षिक एक्सपोर्ट क्षमता 50 मिलियन टन है।

अडानी पोर्ट्स ने इसे पहले 2011 में खरीदा था, लेकिन 2013 में अडानी परिवार को बेच दिया था ताकि कंपनी भारत में अपने मुख्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सके।

सीईओ अश्विनी गुप्ता के अनुसार, यह टर्मिनल भविष्य में हाइड्रोजन एक्सपोर्ट का केंद्र भी बन सकता है।

 बाजार में मिला कैसा रिस्पॉन्स?

सुबह 10:25 बजे तक अडानी पोर्ट्स के शेयर 2.72% गिरकर ₹1,225 पर ट्रेड कर रहे थे।

यह डील निवेशकों के लिए मिश्रित संकेत लेकर आई है—जहां एक ओर ग्लोबल विस्तार की संभावनाएं हैं, वहीं EPS dilution और कर्ज के बोझ जैसी चिंताएं भी हैं।

 ब्रोकरेज का नजरिया: मोतीलाल ओसवाल

मोतीलाल ओसवाल ने अडानी पोर्ट्स को अपनी 'Buy' रेटिंग पर बनाए रखा है।

उन्होंने शेयर का टारगेट प्राइस ₹1,560 तय किया है।

अनुमान के अनुसार, FY24-27 के दौरान:

कार्गो वॉल्यूम में 10% CAGR की वृद्धि,

Revenue, EBITDA, और PAT में क्रमशः 14%, 16%, और 21% CAGR ग्रोथ संभव है


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