Central Sarkar Debt Update : भारत सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. चालू वित्त वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान के आंकड़ों को मिला दें तो भारत सरकार का बकाया कर्ज सात साल में दोगुना होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2018-19 में केंद्र सरकार पर 93.26 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बोझ था, जो बजट अनुमान के मुताबिक 2024-25 में 185.27 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है , जो देश की जीडीपी का 56.8 फीसदी है. सरकार ने ये जवाब लोकसभा में लिखित में दिया है.
7 साल में सरकार पर बढ़ा कर्ज का बोझ
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसद खलीलुर्रहमान ने वित्त मंत्री से सवाल किया और पिछले छह साल के दौरान सरकार पर बकाया कर्ज का ब्योरा मांगा. उन्होंने वित्त मंत्री से पूछा कि क्या भारत सरकार के बकाए में बढ़ोतरी हुई है. इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले सात वित्तीय वर्षों के दौरान केंद्र सरकार पर बकाया कर्ज का ब्योरा देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान केंद्र सरकार पर कुल बकाया कर्ज है. सरकार को 93.26 लाख करोड़ रुपये मिले जो कि जीडीपी का 49.3 फीसदी था.
2020 21 में कर्ज जीडीपी का 61.4% था
वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक, 2019-20 में सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़कर 105.07 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जीडीपी का 52.3 फीसदी था. वित्त वर्ष 2020-21 में जब कोरोना ने देश में दस्तक दी तो सरकार का बकाया कर्ज बढ़कर 121.86 लाख करोड़ रुपये हो गया और कुल कर्ज जीडीपी का 61.4 फीसदी हो गया. वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक, ऐसा कोविड महामारी के कारण हुआ. वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार का बकाया कर्ज बढ़कर 138.66 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जीडीपी का 58.8 फीसदी था. वित्तीय वर्ष 2022-23 में जब वैश्विक तनाव बढ़ा तो केंद्र सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़कर 156.13 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जीडीपी का 57.9 फीसदी था.
7 साल में कर्ज का बोझ 98.65 फीसदी बढ़ गया
वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार का बकाया कर्ज बढ़कर 171.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो जीडीपी का 58.2 फीसदी है. हालाँकि, ये अभी भी अस्थायी आंकड़े हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान कर्ज और बढ़ने का अनुमान है और अनुमान है कि यह बढ़कर 185.27 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा, जो जीडीपी का 56.8 फीसदी हो सकता है. इस प्रकार, पिछले सात वर्षों में भारत सरकार का कर्ज 92.01 लाख करोड़ या 98.65 प्रतिशत बढ़ गया है। सरकार पर बकाया कर्ज में बाहरी कर्ज भी शामिल है.
कर्ज के बोझ से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत !
वित्त मंत्री खलीलुर रहमान ने सवाल किया कि क्या सरकार कर्ज का बोझ बढ़ाकर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएगी। इस सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा अप्रैल 2024 में जारी विश्व आर्थिक आउटलुक के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 3.57 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है.
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