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दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस बार मेयर चुनाव से खुद को अलग रखने का ऐलान किया है। पूर्व मंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने यह जानकारी दी, वहीं बीजेपी ने इस फैसले को 'बहुमत खोने का डर' बताया है।

AAP का बड़ा फैसला: मेयर चुनाव से बाहर

दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि आम आदमी पार्टी इस बार MCD मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने बीजेपी पर जोरदार हमला करते हुए कहा,“जहां बीजेपी चुनाव हारती है, वहां साम-दंड-भेद अपनाकर दूसरी पार्टियों को तोड़कर सत्ता में आती है। MCD के री-यूनिफिकेशन और डीलिमिटेशन के बाद भी 'आप' ने बहुमत हासिल किया था, लेकिन बीजेपी पिछले ढाई साल से पार्षदों को तोड़ने में लगी है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 'आप' दिल्ली की जनता का सम्मान करती है और किसी विधायक या पार्षद को खरीदने की राजनीति में विश्वास नहीं रखती।

सौरभ भारद्वाज का तंज: दिल्ली में चल रही ट्रिपल इंजन सरकार

AAP प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा। उन्होंने कहा कि“बीजेपी सत्ता को लेकर डेस्पिरेट है। जब चुनाव होने थे, तब डीलिमिटेशन करवाया गया। बावजूद इसके, आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिलीं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अब दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार है – एक इंजन एलजी साहब हैं। अब बहानों की जरूरत नहीं, बीजेपी को दिल्लीवालों के लिए काम करके दिखाना चाहिए।”

बीजेपी का पलटवार: 'AAP बहुमत खो चुकी है'

AAP के इस ऐलान पर दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पलटवार करते हुए कहा,“AAP जानती है कि वह दिल्ली नगर निगम में न सिर्फ बहुमत खो चुकी है, बल्कि पिछले ढाई सालों में MCD का प्रशासन और रखरखाव ठप हो चुका है। यह कोई त्याग नहीं, बल्कि हार का डर है।”

उन्होंने संभावना जताई कि आने वाले समय में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन भी हो सकता है।

पृष्ठभूमि: MCD की राजनीति में उठा-पटक

दिल्ली MCD में पहले 272 वार्ड थे, जो अब घटकर 250 वार्ड हो गए हैं।

दिसंबर 2022 में हुए चुनावों में AAP को 134, जबकि बीजेपी को 104 सीटें मिली थीं।

अब बीजेपी ने कई पार्षदों को अपने पक्ष में लाकर सिंपल मेजोरिटी हासिल करने का दावा किया है।


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