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राजकोट: गुजरात की राजनीति में एक और विवादित पत्र कांड सामने आने के बाद भ्रष्टाचार और पार्टी अनुशासन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बार मामला है उपलेटा के भाजपा विधायक महेंद्र पडलिया से जुड़ा, जिन पर एक वायरल पत्र के जरिए गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

वायरल पत्र में दावा किया गया है कि धोराजी-उपलेटा विधायक महेंद्र पडलिया और उनके सहयोगी सरकारी विभागों और ठेकेदारों से रिश्वत वसूल रहे हैं।

विधायक के सहयोगी हर कार्यालय से उगाही कर रहे हैं

पुलिस स्टेशन, इंजीनियर, तालुका विकास अधिकारी, मामलतदार और डिप्टी कलेक्टर से किश्तें लेने का आरोप

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि नगर पालिका में पिछले दो साल से मुख्य अधिकारी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार हो रहा है

नगर निगम चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च कर ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए गए, जिनका भाजपा से कोई लेना-देना नहीं था

महेंद्र पडलिया की प्रतिक्रिया

विधायक महेंद्र पडलिया ने इस पत्र को लेकर कहा: "मुझे बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। यह भाजपा के ही किसी व्यक्ति की साजिश हो सकती है। नगर निगम चुनाव के दौरान भी मुझे इसी तरह बदनाम किया गया था।"

उन्होंने यह भी बताया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और वे इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं।

पहले भी सामने आया था ऐसा मामला - अमरेली पत्र कांड

इससे पहले अमरेली तालुका पंचायत अध्यक्ष किशोर कनपरिया के नाम से एक फर्जी लेटरपैड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में:

कनपरिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई

पुलिस ने एक पूर्व भाजपा पदाधिकारी और एक युवती सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया

विवाद तब बढ़ा जब पुलिस ने एक पाटीदार युवती का सार्वजनिक रूप से जुलूस निकाला, जो केवल एक टाइपिस्ट थी

इस घटना के बाद पाटीदार समुदाय और कई राजनीतिक नेताओं ने युवती के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की।


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