उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रयागराज पुलिस पर अनुपातिक प्रतिनिधित्व का आरोप लगाते हुए एक ग्राफ साझा किया है। उन्होंने दावा किया कि प्रयागराज में पीडीए वर्ग (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को केवल 25% प्रतिनिधित्व मिला है, जबकि उनकी जनसंख्या हिस्सेदारी 90% से अधिक है।
क्या कहा अखिलेश यादव ने?
सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर अखिलेश यादव ने एक ग्राफ साझा किया।
उनके अनुसार, प्रयागराज में कुल 44 थाना प्रभारी नियुक्त हुए, जिनमें:
11 पीडीए वर्ग से,
14 सिंह उपनामधारी (अनुमानतः राजपूत वर्ग से),
और 19 अन्य जनरल कास्ट से हैं।
उन्होंने इस असमानता को "पीडीए के साथ आनुपातिक अन्याय" बताया।
अखिलेश ने दावा किया कि जानकारी का स्रोत यूपी पुलिस की वेबसाइट है।
प्रयागराज पुलिस का जवाब क्या है?
अखिलेश यादव के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट ने लिखा: "उक्त पोस्ट में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।"
पुलिस के अनुसार, थाना प्रभारी की नियुक्ति कर्तव्यनिष्ठा, सत्यनिष्ठा, सामाजिक समरसता और जन शिकायतों के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर की जाती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जनपद में लगभग 40% थाना प्रभारी ओबीसी और एससी/एसटी वर्ग से आते हैं।
साथ ही यह भी कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष है।
पृष्ठभूमि: क्यों चर्चा में है यह मुद्दा?
हाल ही में अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस में जिलावार नियुक्तियों को लेकर सवाल उठाए थे, जिन्हें राज्य के डीजीपी प्रशांत कुमार ने खारिज किया था।
इसके बावजूद अखिलेश यादव लगातार सोशल मीडिया पर आंकड़ों के साथ राज्य सरकार को घेर रहे हैं।
प्रयागराज में किए गए इस नए दावे के बाद, जातिगत प्रतिनिधित्व और सरकारी नियुक्तियों में समावेशिता को लेकर बहस और तेज हो गई है।
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Brijendra
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