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सोने की कीमतों में बीते कुछ महीनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। खासकर अमेरिका और चीन के बीच चल रही खींचतान के चलते निवेशक एक बार फिर सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प मानने लगे हैं। इसी वजह से यह सवाल चर्चा में है कि क्या सोने की कीमत अगले कुछ हफ्तों या साल के अंत तक 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है या इसमें गिरावट आ सकती है?

भारत में सोने की मौजूदा स्थिति

फिलहाल भारत में सोने की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 93,000 रुपये के पार पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा बताता है कि लोग तेजी से सोने की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। इसकी वजह केवल घरेलू मांग नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय हालात भी इसकी कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।

वैश्विक कारक जो कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की भारी खरीदारी, और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें—ये कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिन्होंने सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोने की कीमत पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 3,237.50 डॉलर प्रति औंस दर्ज किया गया।

2025 की शुरुआत से अब तक सोना करीब 20 बार अपना सर्वकालिक उच्चतम स्तर पार कर चुका है। इससे यह साफ है कि निवेशकों का विश्वास सोने में बना हुआ है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

स्प्रोट एसेट मैनेजमेंट के वरिष्ठ पोर्टफोलियो मैनेजर रयान मैकइंटायर का मानना है कि अमेरिकी नीतियों—खासकर डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीति और केंद्रीय बैंकों की ओर से भारी खरीदारी—सोने की कीमतों को लगातार ऊपर की ओर धकेल रही हैं।

वहीं भारत के बाजार की बात करें तो आज की तारीख में सोने की कीमतें इस प्रकार हैं:

24 कैरेट: 93,390 रुपये प्रति 10 ग्राम

22 कैरेट: 85,610 रुपये प्रति 10 ग्राम

18 कैरेट: 70,050 रुपये प्रति 10 ग्राम

क्या वाकई सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है?

कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह इस संभावना को पूरी तरह नकारते नहीं हैं। उनका कहना है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व 2025 में दो बार ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतों को और बल मिल सकता है, जिससे यह आंकड़ा 1 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी हेड किशोर नारन भी यही मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 4,000 से 4,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। यह स्थिति भारत में सोने की कीमतों को और ऊंचा ले जा सकती है।

लेकिन हर कोई इतना आशावादी नहीं है

अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का नजरिया थोड़ा अलग है। उनका मानना है कि सोने की कीमतों में जो तेजी देखी जा रही है, वह पहले ही संभावित सकारात्मक कारकों को बाजार में शामिल कर चुकी है। इसीलिए अब इसमें और उछाल की गुंजाइश सीमित रह गई है।

मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का विश्लेषण और भी सतर्क है। उनके अनुसार, सोने की कीमतें 1,820 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती हैं। इसका मतलब है कि वर्तमान स्तर से करीब 38-40 फीसदी की गिरावट संभव है।

निवेशकों के लिए क्या मतलब है इसका?

विभिन्न विशेषज्ञों की राय में इतना फर्क है कि किसी एक नतीजे पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। फिर भी एक बात साफ है—सोने की कीमतों पर वैश्विक घटनाक्रम, ब्याज दरें, और निवेशकों का रुझान भारी असर डालते हैं। आने वाले समय में अगर आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोने में निवेश जारी रह सकता है।

इसलिए अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं, तो किसी भी निर्णय से पहले बाजार की मौजूदा स्थिति और भविष्य के संभावित ट्रेंड्स का अध्ययन करना जरूरी है। साथ ही, विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही कोई बड़ा कदम उठाना बेहतर होगा।


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