अंतरिक्ष यात्रा रोमांचक तो होती है, लेकिन पृथ्वी पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए यह आसान नहीं होता। लंबे समय तक शून्य गुरुत्वाकर्षण (Zero Gravity) में रहने के कारण उनका शरीर उसी माहौल का आदी हो जाता है। जब वे वापस पृथ्वी पर आते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को दोबारा महसूस करने में दिक्कत होती है।
हाल ही में सुनीता विलियम्स के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने 90 महीने तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर समय बिताया और अब जब वह पृथ्वी पर लौटीं, तो उन्हें फिर से यहां के माहौल के अनुरूप खुद को ढालना होगा। आइए समझते हैं कि अंतरिक्ष यात्रियों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वे इससे कैसे उबरते हैं।
अंतरिक्ष से लौटने के बाद होने वाली चुनौतियां
1. गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बैठाना
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, जिससे हर चीज हवा में तैरती रहती है। अंतरिक्ष यात्री महीनों या सालों तक ऐसे माहौल में रहते हैं, जिससे उनका दिमाग और शरीर इसी माहौल के अनुसार ढल जाता है। लेकिन जब वे पृथ्वी पर लौटते हैं, तो अचानक से उन्हें गुरुत्वाकर्षण महसूस होने लगता है, जिससे कई दिक्कतें होती हैं।
2. शरीर में कमजोरी और संतुलन की दिक्कत
- कई अंतरिक्ष यात्रियों को चलते समय गिरने की समस्या होती है।
- उनके हाथों से चीजें गिर जाती हैं, क्योंकि उनका दिमाग उन्हें हवा में छोड़ने की आदत डाल चुका होता है।
- शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, क्योंकि अंतरिक्ष में भारहीनता की वजह से मांसपेशियों और हड्डियों पर कोई दबाव नहीं पड़ता।
3. माइक्रोग्रैविटी की आदत से छुटकारा पाना
कई रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि अंतरिक्ष यात्री वापस आने के बाद भी माइक्रोग्रैविटी में रहने की आदत से तुरंत बाहर नहीं निकल पाते। जैसे:
- चाय पीते समय कप गिरा देना
- चलते समय गिर जाना
- फोन को हवा में छोड़ देना और फिर पकड़ने की कोशिश करना
ये आदतें धीरे-धीरे छूटती हैं, लेकिन इसमें कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है।
सुनीता विलियम्स को भी हो सकती हैं ये दिक्कतें
सुनीता विलियम्स ने हाल ही में 90 महीने ISS में बिताने के बाद पृथ्वी पर वापसी की है। ऐसे में यह पूरी तरह संभव है कि उन्हें भी ऊपर बताई गई समस्याओं का सामना करना पड़े।
जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक एक खास माहौल में रहता है, तो उसका शरीर उसी के अनुरूप ढल जाता है। अंतरिक्ष यात्री जब पृथ्वी पर लौटते हैं, तो उनका मस्तिष्क और शरीर नए सिरे से गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बैठाने में समय लेता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस विषय पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने के बाद भी माइक्रोग्रैविटी की आदतों को नहीं छोड़ पाते।
यह वीडियो "ब्लैक होल" नामक अकाउंट से शेयर किया गया था। इसमें देखा गया कि:
- एक अंतरिक्ष यात्री भाषण देते समय अचानक गिर जाता है।
- दरअसल, उसने अचानक से अपना सारा वजन पैरों पर डाल दिया, जैसा कि वह अक्सर अंतरिक्ष में करता था।
- शून्य गुरुत्वाकर्षण में शरीर को संभालने के लिए जो तरीके अपनाए जाते हैं, वे पृथ्वी पर काम नहीं करते, जिससे ऐसे हादसे हो जाते हैं।
कैसे होती है रिकवरी?
अंतरिक्ष से लौटने के बाद यात्रियों को सामान्य जीवन में वापस लाने के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम (Rehabilitation Program) चलाया जाता है। इसमें शामिल होता है:
- फिजियोथेरेपी: शरीर की मांसपेशियों को दोबारा मजबूत बनाने के लिए।
- एक्सरसाइज: हड्डियों और संतुलन को सही करने के लिए।
- मानसिक प्रशिक्षण: मस्तिष्क को नए वातावरण में ढालने के लिए।
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Brijendra
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