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Child Health Care : पानी जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यह हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन अगर आप एक नई मां हैं, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि क्या शिशुओं को भी पानी पिलाना चाहिए? कई लोग सलाह देते हैं कि बच्चों को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी देना जरूरी है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। नवजात शिशुओं के लिए पानी देना नुकसानदायक हो सकता है।
आइए जानते हैं कि छोटे बच्चों को पानी कब और कितना देना चाहिए और क्यों जन्म के पहले छह महीनों तक शिशुओं को केवल माँ का दूध ही दिया जाना चाहिए।
नवजात शिशु को पानी क्यों नहीं देना चाहिए?
शिशु के जन्म के शुरुआती महीनों में उसका पाचन तंत्र और गुर्दे (किडनी) पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं। इस वजह से नवजात का शरीर पानी को सही तरीके से संसाधित नहीं कर पाता। यदि आप छोटे बच्चे को पानी देते हैं, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
1. पेट में जगह कम होती है
शिशु का पेट बहुत छोटा होता है और उसमें बहुत कम मात्रा में ही तरल पदार्थ आ सकते हैं। नवजात शिशु के पेट की क्षमता लगभग 5 से 10 मिलीलीटर (1-2 चम्मच) ही होती है। अगर इस छोटी सी जगह में पानी भर दिया जाए, तो मां के दूध में मौजूद आवश्यक पोषक तत्वों के लिए जगह नहीं बचेगी, जिससे शिशु को सही पोषण नहीं मिलेगा।
2. पोषण की कमी हो सकती है
मां के दूध में शिशु के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं। यदि बच्चे को पानी दिया जाए, तो वह दूध की मात्रा कम पीएगा, जिससे उसके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इससे शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है।
3. पानी की विषाक्तता (Water Intoxication) का खतरा
छोटे बच्चों के गुर्दे पानी को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते। ज्यादा पानी पीने से रक्त में नमक (सोडियम) की मात्रा कम हो सकती है, जिससे पानी की विषाक्तता (Water Intoxication) हो सकती है। इससे शिशु को अत्यधिक कमजोरी, उल्टी, सुस्ती, दौरे (सीजर) और यहां तक कि कोमा तक हो सकता है।
4. इम्यून सिस्टम पर असर
मां का दूध शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को मजबूत करता है। यदि नवजात शिशु को पानी दिया जाए, तो मां के दूध का सेवन कम हो सकता है, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है और वह संक्रमण की चपेट में आ सकता है।
शिशु को पानी कब देना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, शिशु को 6 महीने तक केवल स्तनपान (या फार्मूला दूध) ही दिया जाना चाहिए। छह महीने से पहले किसी भी अतिरिक्त तरल की जरूरत नहीं होती, चाहे वह पानी हो, जूस हो या अन्य कोई पेय।
6 महीने के बाद: आप शिशु को थोड़ा-थोड़ा पानी देना शुरू कर सकते हैं, लेकिन केवल जरूरत पड़ने पर।
1 साल की उम्र तक: पानी सीमित मात्रा में दें और ज्यादातर दूध या ठोस आहार पर ध्यान दें।
1 साल के बाद: बच्चे को सामान्य रूप से पानी दिया जा सकता है, लेकिन फिर भी जरूरत से ज्यादा पानी न दें।
शिशु को कितना पानी देना चाहिए?
शिशु की उम्र के अनुसार पानी की मात्रा अलग-अलग होती है।
शिशु की उम्र | पानी की आवश्यक मात्रा |
---|---|
0-6 महीने | केवल स्तनपान या फार्मूला दूध, कोई पानी नहीं |
6-12 महीने | आधा कप (120 मिलीलीटर) से थोड़ा अधिक |
1 साल से अधिक | 1-4 कप (250-1000 मिलीलीटर), गतिविधि के अनुसार |
नोट: हर बच्चे की जरूरत अलग हो सकती है, इसलिए पानी देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा होगा।
क्या गर्मी के मौसम में शिशु को पानी देना जरूरी है?
गर्मी में भी नवजात शिशु को अतिरिक्त पानी देने की जरूरत नहीं होती। मां का दूध प्राकृतिक रूप से पानी और पोषक तत्वों का सही संतुलन बनाए रखता है। अगर मौसम गर्म है, तो आप अपने शिशु को बार-बार स्तनपान करा सकते हैं।
अगर बच्चा फार्मूला दूध पी रहा है, तो पानी की जरूरत हो सकती है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह से ही दें।
क्या स्तनपान कराने वाली मां को ज्यादा पानी पीना चाहिए?
हाँ, यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो आपको खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से दूध का उत्पादन बेहतर होता है, जिससे आपका शिशु भी स्वस्थ रहता है।
क्या बच्चे को अन्य तरल पदार्थ दिए जा सकते हैं?
6 महीने से छोटे बच्चों को कोई भी तरल पदार्थ नहीं देना चाहिए, जिसमें जूस, शहद मिला पानी, नारियल पानी या कोई अन्य पेय शामिल हो। 6 महीने के बाद डॉक्टर की सलाह से ही जूस या अन्य पेय शुरू करें।