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यूपी पॉलिटिक्स: 16 दिसंबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर जुबानी हमला बोला था. मुख्यमंत्री ने 16 दिसंबर को बहराइच और संभल के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों को घेरा था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाकर अपनी बात रखी.

सीएम ने कहा कि अल्लाह हू अकबर कहने के बाद अगर कोई हिंदू कहे कि मुझे यह पसंद नहीं है तो क्या आपको अच्छा लगेगा? मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई जय श्री राम कहता है तो चिढ़ना क्यों, यह चिढ़ने की बात नहीं है. हमारे यहां पश्चिम में राम-राम कहने की परंपरा है. जब मिलते हैं तो राम-राम कहते हैं, आखिरी सफर में भी राम नाम सत्य है। अगर कोई जयश्री राम कहता है तो यह चिढ़ाने का काम नहीं है. सीएम ने कहा कि मुझे किसी और नारे की जरूरत नहीं है.

सीएम ने कहा राम-राम शब्द कहां से सांप्रदायिक हो गया? बाबा साहब के मूल संविधान में राम हनुमान ही हैं, बाबर औरंगजेब की परंपरा इस देश में नहीं चलेगी. यहां राम कृष्ण और बुद्ध की परंपरा कायम रहेगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि जब मुस्लिम समुदाय के त्योहार के जुलूस हिंदू इलाकों से सुरक्षित गुजरते हैं तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. मुस्लिम समुदाय का जुलूस भी मंदिर के सामने से गुजरता है लेकिन कोई दिक्कत नहीं होती.

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने और क्या कहा ?

इससे पहले सीएम ने कहा था कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2017 के बाद से राज्य में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 प्रतिशत की कमी आई है। 2017 के बाद से यूपी में कोई दंगा नहीं हुआ है, जबकि 2012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक राज्य में 815 सांप्रदायिक दंगे हुए और 192 लोग मारे गए। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, जिनमें 121 लोगों की मौत हो गई. सीएम योगी ने कहा कि हम कब तक तथ्यों को छिपाएंगे और जनता को गुमराह करेंगे.

सीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वे कराया जा रहा है. सूर्य, चंद्रमा और सत्य को कोई भी अधिक समय तक छुपा नहीं सकता, सत्य शीघ्र ही सामने आ जायेगा।

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