संयुक्त राष्ट्र और इज़राइल के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। गाजा पट्टी में हुई एक दुखद घटना ने वैश्विक समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया कि गाजा में उसकी एक इमारत पर इजरायली टैंक से हमला किया गया, जिसमें एक बल्गेरियाई कर्मचारी की जान चली गई और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस बयान ने जहां वैश्विक चिंता बढ़ा दी है, वहीं इज़रायल ने इस दावे का पुरज़ोर खंडन किया है।
संयुक्त राष्ट्र का आरोप: इजरायली टैंक से हुआ हमला
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने साफ तौर पर कहा कि 19 मार्च को गाजा के डेइर अल-बाला क्षेत्र में स्थित संयुक्त राष्ट्र परिसर को टैंकों से निशाना बनाया गया। उनका दावा है कि ये टैंक इज़रायली थे। हमले में संयुक्त राष्ट्र परियोजना सेवा (UNOPS) के लिए काम करने वाले एक बल्गेरियाई कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि अन्य छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि यह परिसर युद्ध में शामिल सभी पक्षों को पहले से अच्छी तरह ज्ञात था। यानी इजरायल को भी इस स्थान की जानकारी थी। ऐसे में हमला महज़ एक दुर्घटना नहीं माना जा सकता। दुजारिक ने इस घटना को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक "गंभीर खतरा" बताया और कहा कि यह सवाल खड़े करता है कि युद्ध क्षेत्र में मानवाधिकार और वैश्विक संस्थाओं की सुरक्षा आखिर कितनी गंभीरता से ली जा रही है।
इज़रायल का खंडन: कोई संबंध नहीं हमारी सैन्य गतिविधियों से
दूसरी ओर, इज़रायल ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। इज़रायली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अब तक की प्रारंभिक रिपोर्टों में इज़रायली सैन्य कार्रवाई और संयुक्त राष्ट्र परिसर पर हुए हमले के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं मिला है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इज़रायल कभी भी अंतरराष्ट्रीय संगठनों को निशाना नहीं बनाता और वह सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानकों का पालन करता है। उनका यह भी कहना है कि इज़रायल, हमास के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई को लेकर बेहद सतर्क और सीमित दृष्टिकोण अपनाता है।
गाजा में बढ़ती असुरक्षा: संयुक्त राष्ट्र की तैनाती पर असर
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र को भी अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर होना पड़ा है। बढ़ते खतरे और असुरक्षा के माहौल को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अपने कुछ अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों की संख्या को अस्थायी रूप से कम करने का निर्णय लिया है। यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक बन गया।
हालांकि प्रवक्ता दुजारिक ने यह स्पष्ट किया कि "संयुक्त राष्ट्र गाजा को छोड़ नहीं रहा है"। उनका मतलब यह था कि सहायता कार्य जारी रहेंगे, लेकिन कर्मचारियों की तैनाती को पुनः संरचित किया जाएगा ताकि जोखिम को कम किया जा सके।
स्थिति की गंभीरता: मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय चिंता
गाजा में हालात दिन-प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं। इज़रायल और हमास के बीच जारी युद्ध ने न केवल आम नागरिकों की ज़िंदगियों को तबाह कर दिया है, बल्कि मानवीय संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। भोजन, दवाइयाँ, पीने का पानी और सुरक्षा – हर ज़रूरी चीज़ की कमी महसूस की जा रही है।
इस हालिया हमले ने संघर्ष को और अधिक जटिल बना दिया है। जब वैश्विक संस्थाएं जैसे संयुक्त राष्ट्र तक सुरक्षित नहीं हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि युद्ध के नियमों का उल्लंघन हो रहा है और मानवीय संवेदनाएं कहीं खोती जा रही हैं।
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Brijendra
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