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Women health : हर शादीशुदा जोड़ा अपने जीवन में एक मुकाम पर बच्चे की योजना ज़रूर बनाता है। लेकिन जब लंबे समय तक कोशिशों के बावजूद गर्भधारण नहीं होता, तो यह चिंता का कारण बन सकता है। बहुत बार इसका कारण हमारी अपनी जीवनशैली और खासतौर पर खानपान की आदतें होती हैं। गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि वे अपने आहार को लेकर सतर्क रहें। कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो प्रजनन क्षमता पर सीधा असर डालती हैं। आइए जानते हैं कि ऐसी कौन सी आदतें और खाने की चीज़ें हैं जिनसे दूरी बनाना जरूरी है अगर आप जल्दी गर्भधारण करना चाहती हैं।

प्रोसेस्ड और जंक फूड से बनाएं दूरी

अगर आपने फैमिली प्लानिंग की शुरुआत कर दी है, तो सबसे पहले प्रोसेस्ड और जंक फूड को अलविदा कहें। रोज़ाना पिज़्ज़ा, बर्गर, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़ जैसी चीज़ें खाने से शरीर में ट्रांस फैट और सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। यह आपके हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है और ओवुलेशन की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इस वजह से अंडा बनने और गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, ये फूड्स शरीर में सूजन पैदा करते हैं जिससे प्रजनन तंत्र सही तरीके से काम नहीं करता।

शीतल पेय और कैफीन से भी रहें सावधान

कई बार हम दिनभर में कई कप चाय या कॉफी पी जाते हैं और सॉफ्ट ड्रिंक्स तो जैसे रूटीन का हिस्सा बन जाते हैं। लेकिन अगर आप मां बनने की योजना बना रही हैं, तो यह आदत बदलना ज़रूरी है। सॉफ्ट ड्रिंक्स और अत्यधिक कैफीन प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं। कैफीन शरीर में रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है और गर्भाशय तक ऑक्सीजन की मात्रा घटा सकता है, जिससे अंडाणु निषेचित नहीं हो पाता। दिनभर में एक कप से ज़्यादा कैफीन से बचना ही बेहतर है।

सिगरेट और शराब से दूरी बनाएं

धूम्रपान और शराब का सेवन प्रजनन क्षमता पर बेहद नकारात्मक असर डालता है। ये सिर्फ महिलाओं की ओवरी पर असर नहीं डालते बल्कि पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता को भी घटाते हैं। रिसर्च के अनुसार, जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं उन्हें गर्भधारण में दिक्कत आती है और गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं पुरुषों में स्पर्म काउंट और गतिशीलता दोनों प्रभावित होती हैं। इसलिए यदि आप माता-पिता बनने की योजना बना रहे हैं, तो इन आदतों से तत्काल दूरी बना लें।

लाल मांस और संतृप्त वसा का सेवन सीमित करें

बहुत ज़्यादा तली-भुनी चीज़ें या हैवी नॉनवेज खाना शरीर में सूजन और हार्मोनल गड़बड़ी का कारण बन सकता है। रेड मीट जैसे कि मटन या बीफ में संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में एस्ट्रोजन लेवल को असंतुलित कर सकती है। इससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और गर्भधारण की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। शिशु की प्लानिंग कर रही महिलाओं को चाहिए कि वे हेल्दी प्रोटीन जैसे कि अंडा, मछली और दालों की तरफ रुख करें और प्रोसेस्ड मीट से दूरी बनाएं।

गर्भधारण के लिए कैसा हो आहार?

जब आप गर्भधारण की योजना बना रही हों, तो आपके शरीर को संपूर्ण पोषण की आवश्यकता होती है। ऐसे में आहार में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में शामिल करें। यह न केवल आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि भविष्य में होने वाले शिशु के लिए भी पोषण का आधार बनाता है।

हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, बथुआ जैसे साग फोलिक एसिड का बेहतरीन स्रोत होते हैं।

फल: संतरा, केला, सेब, अनार जैसे फलों का नियमित सेवन करें जो विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं।

सूखे मेवे और बीज: बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर से शरीर को कैल्शियम और प्रोटीन मिलता है।

इसके साथ-साथ भरपूर पानी पिएं और नींद पूरी करें ताकि शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहें। जब शरीर फिट और तनावमुक्त होता है, तब गर्भधारण के मौके खुद-ब-खुद बढ़ जाते हैं।


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