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ग्रीष्मकालीन स्वास्थ्य : देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली-एनसीआर में तापमान 40 के पार पहुंच रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ सकती है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि तेज धूप, ज्यादा पसीना और लू के कारण स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं. इससे डिहाइड्रेशन का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। आइए जानते हैं इस मौसम में कौन सी बीमारियां सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं और उनसे बचने के लिए क्या करना चाहिए...

गर्मी के मौसम में किन बीमारियों का खतरा रहता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, गर्मियों में जिन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है उनमें डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, वायरल बुखार, डायरिया, किडनी में पथरी, आंखों में संक्रमण, पेट की बीमारियां और यूटीआई शामिल हैं। शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। जिसके कारण अधिक थकान महसूस होती है और बीपी-शुगर लेवल भी बढ़ सकता है। पानी की कमी से भी किडनी में पथरी की समस्या बढ़ जाती है। इससे सूजन, दर्द, पेशाब में खून, मतली, उल्टी, पेट दर्द, पीठ दर्द, बार-बार पेशाब आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।

बीमारियों से बचने के लिए क्या करें?

डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के मौसम में पीलिया, टाइफाइड और गैस्ट्रो संबंधी बीमारियां भी बढ़ जाती हैं, इसलिए ढीले कटे फल खाने से बचना चाहिए। फलों के रस में इस्तेमाल होने वाली बर्फ से भी बचना चाहिए। इस मौसम में गन्ने का रस फायदेमंद होता है लेकिन टाइफाइड और पीलिया का कारण बन सकता है। गर्मियों में ज्यादा पसीना आना, जी मिचलाना, उल्टी, घबराहट, चक्कर आना, लू लगना और हाई ब्लड प्रेशर जैसे लक्षण दिखें तो लापरवाही न करते हुए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस मौसम में दिल के मरीजों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए।


 

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गर्मियों में महिलाओं को इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है

स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी के मौसम में महिलाओं की परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। लगातार पसीना आने से निर्जलीकरण का खतरा रहता है, जो मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है। पीरियड्स के दौरान उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) का भी खतरा रहता है। अत्यधिक पसीना इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बिगाड़ देता है और त्वचा में जलन पैदा कर सकता है।

महिलाओं को गर्मियों में आम, पपीता और अनानास जैसे अत्यधिक गर्म खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये पेट में गर्मी पैदा करते हैं और गर्भाशय को सिकुड़ने का कारण बन सकते हैं, जिससे मासिक धर्म प्रभावित हो सकता है। इस मौसम में खूब पानी पिएं, स्वस्थ भोजन करें और अपने शरीर को साफ रखें।

डिस्क्लेमर: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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