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व्हाट्सएप पे:  व्हाट्सएप यूजर्स के लिए एक अच्छी खबर है और अब उन्हें बेहद आसानी से ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा मिल रही है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर WhatsApp Pay पर UPI यूजर्स जोड़ने पर लगाई गई रोक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

व्हाट्सएप पे सभी उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई सेवाओं का विस्तार कर सकता है
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि इस सीमा को हटाकर, व्हाट्सएप पे अब भारत में अपने सभी उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई सेवाओं का विस्तार करने में सक्षम होगा। मंगलवार, 31 दिसंबर 2024 को NPCI ने WhatsApp पेमेंट पर 10 करोड़ यूजर की सीमा हटा दी है, जिसके बाद सभी WhatsApp यूजर WhatsApp Pay का इस्तेमाल कर सकेंगे.

इससे पहले, व्हाट्सएप पे उपयोगकर्ताओं की संख्या 10 करोड़ तक सीमित थी,
इससे पहले, एनपीसीआई ने चरणबद्ध तरीके से व्हाट्सएप पे को अपने यूपीआई उपयोगकर्ता आधार का विस्तार करने की अनुमति दी थी। पहले यह सीमा 10 करोड़ यूजर्स तक थी, जिसे अब NPCI ने हटा दिया है. इस नोटिफिकेशन के साथ NPCI ने WhatsApp Pay पर यूजर्स को जोड़ने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है।

WhatsApp Pay यूजर्स की सीमा पहले 4 करोड़ और फिर 10 करोड़ थी.
सरकार ने WhatsApp Pay को साल 2022 में 40 मिलियन यानी 4 करोड़ यूजर्स जोड़ने की इजाजत दी थी, जिसे साल 2022 में बढ़ाकर 10 मिलियन यानी 10 करोड़ यूजर्स कर दिया गया. नए साल की शुरुआत में इसे यूजर्स के लिए बेहतर कर दिया गया है।

कुल UPI पेमेंट सेवाओं में WhatsApp Pay यूजर्स की संख्या बढ़ जाएगी
NPCI के इस फैसले के बाद अब WhatsApp के 50 करोड़ यूजर्स WhatsApp Pay के जरिए UPI सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह निर्णय व्हाट्सएप पे को मुख्यधारा में लाने के प्रयासों का समर्थन करेगा। मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल UPI पेमेंट सेवाओं में 85 फीसदी हिस्सेदारी PhonePe और Google Pay की है. WhatsApp Pay पर नए यूजर्स जोड़ने की सीमा हटने के बाद इन आंकड़ों में बदलाव होने की संभावना है.

एनपीसीआई यूपीआई सेवा को बढ़ावा दे रही है

UPI सेवा भारत में 2016 में लॉन्च की गई थी। तब से लोग यूपीआई और डायरेक्ट यूपीआई ट्रांजैक्शन के जरिए कैशलेस ट्रांजैक्शन करने लगे हैं। कुछ ही समय में भारत में लाखों लोग UPI सेवा का उपयोग करने लगे। आईआईएम और आईएसबी के प्रोफेसरों द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यूपीआई सेवा ने भारत के 300 मिलियन यानी लगभग 30 करोड़ लोगों और 5 करोड़ व्यापारियों को बिना किसी व्यवधान के डिजिटल लेनदेन करने में सक्षम बनाया है।

एनपीसीआई ने कहा कि वे प्रौद्योगिकी का उपयोग करके खुदरा भुगतान प्रणाली में नए और बेहतर तरीके लाने पर काम कर रहे हैं। उनका लक्ष्य भारत को पूरी तरह से डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदलना है। इसके लिए वे देश भर के लोगों को सुरक्षित और सस्ता भुगतान सिस्टम उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि भारत पूरी तरह से डिजिटल देश बन सके।


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