8th Pay Commission Salary Hike : सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस आयोग को मंजूरी दे दी है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 108% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
इस वेतन वृद्धि का आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जो वर्तमान में 2.57 है। अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो चपरासी से लेकर अधिकारी तक सभी सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 100% से अधिक बढ़ सकता है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह कैसे काम करता है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) है, जिसकी मदद से न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाता है।
- 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था।
- इस कारण लेवल-1 कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था।
- महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और अन्य भत्ते जोड़ने के बाद कुल वेतन लगभग 36,020 रुपये हो गया था।
8वें वेतन आयोग में क्या बदलाव हो सकता है?
अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाता है, तो:
लेवल-1 की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है।
सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 100% से अधिक की बढ़ोतरी होगी।
किस स्तर के कर्मचारियों को कितनी वेतन वृद्धि मिलेगी?
| स्तर | वर्तमान न्यूनतम वेतन (₹) | संभावित नया वेतन (₹) |
|---|---|---|
| 1 | 18,000 | 51,480 |
| 2 | 19,900 | 56,914 |
| 3 | 21,700 | 62,062 |
| 4 | 25,500 | 72,930 |
| 5 | 29,200 | 83,512 |
| 6 | 35,400 | 1,01,244 |
| 7 | 44,900 | 1,28,000 |
| 8 | 47,600 | 1,36,136 |
| 9 | 53,100 | 1,51,866 |
| 10 | 56,100 | 1,60,446 |
यह आंकड़े अनुमानित हैं और 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट के बाद ही सटीक जानकारी मिल पाएगी।
8वां वेतन आयोग कब लागू होगा?
सरकार का मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति (Inflation) को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों को अच्छा वेतन देना है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पुष्टि की है कि यह आयोग आजादी के बाद आठवां वेतन आयोग होगा।
8वें वेतन आयोग का गठन 2024 के अंत तक किया जाएगा।
इसकी रिपोर्ट जनवरी 2026 तक प्रस्तुत होने की उम्मीद है।
आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही वेतन वृद्धि पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
सरकारी कर्मचारी संगठनों ने फिटमेंट फैक्टर को अधिकतम स्तर पर रखने की मांग की है, ताकि मजदूरी और महंगाई के अंतर को संतुलित किया जा सके।
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Brijendra
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