
जब हृदय की धमनियों में रुकावट आती है, तो शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित हो जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है। इसलिए, हृदय रुकावट के लक्षणों को समझना और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है।
हृदय रुकावट के प्रमुख लक्षण
1. सीने में दर्द या जकड़न
यदि आपको अचानक सीने में दबाव, भारीपन, जलन या दर्द महसूस होता है, तो यह हृदय रुकावट का संकेत हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर व्यायाम या तनाव के दौरान बढ़ जाता है और आराम करने पर कम हो सकता है।
2. सांस लेने में तकलीफ
यदि आप हल्का सा व्यायाम करने पर ही तेजी से सांस लेने लगते हैं या सांस फूलने लगती है, तो यह हृदय की धमनियों में रुकावट का लक्षण हो सकता है।
3. पैरों और टखनों में सूजन
धीमी रक्त परिसंचरण के कारण पैरों, टखनों और टांगों में सूजन हो सकती है। यह शरीर में तरल पदार्थ जमा होने के कारण होता है, जिससे दर्द और भारीपन महसूस हो सकता है।
4. अत्यधिक थकान
यदि आपको बिना किसी खास कारण के बहुत अधिक थकान महसूस होती है, तो यह हृदय में रुकावट का संकेत हो सकता है। जब हृदय ठीक से रक्त पंप नहीं कर पाता, तो शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती, जिससे थकान बनी रहती है।
5. चक्कर आना और बेहोशी
हृदय में रुकावट के कारण मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे अचानक चक्कर आ सकते हैं या बेहोशी हो सकती है।
6. अनियमित हृदयगति
हृदय की धड़कन असामान्य रूप से तेज़, धीमी या अनियमित हो सकती है। ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका दिल अचानक रुक गया हो या बहुत तेज़ धड़क रहा हो।
हृदय रोग के लक्षण कब प्रकट होते हैं?
जब हृदय की धमनियां 70% या उससे अधिक अवरुद्ध हो जाती हैं, तब इसके गंभीर लक्षण सामने आने लगते हैं। इस स्थिति में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यदि आपको सीढ़ियां चढ़ते समय, तेज़ी से चलते समय या हल्का सा शारीरिक परिश्रम करने पर सांस लेने में परेशानी होती है और आपको रुकना पड़ता है, तो यह हृदय ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।
ध्यान रखें, दवा लेने के बाद यदि लक्षण कुछ समय के लिए कम हो जाएं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है। यदि हृदय में पहले से ही अधिक रुकावट है, तो इसे नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
हृदय की रुकावट का पता लगाने के लिए एक सरल परीक्षण
यदि आपको उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
एंजियोग्राफी: हृदय की जांच के लिए सबसे सटीक परीक्षण
एंजियोग्राफी एक विशेष प्रकार का एक्स-रे परीक्षण है, जो हृदय की धमनियों में रुकावट का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक विशेष डाई (कंट्रास्ट डाई) को धमनियों में इंजेक्ट करते हैं। इस डाई की मदद से एक्स-रे यह दिखाता है कि धमनियों में रुकावट कहां है और यह कितनी गंभीर है।
समय पर इलाज क्यों जरूरी है?
हृदय की रुकावट का समय पर इलाज बेहद जरूरी है। अगर इसे नज़रअंदाज किया गया, तो यह हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
उपचार के विकल्प:
- एंजियोप्लास्टी: इस प्रक्रिया में अवरुद्ध धमनियों को खोलने के लिए स्टेंट लगाया जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर हो सके।
- बायपास सर्जरी: यदि रुकावट बहुत गंभीर है, तो डॉक्टर बायपास सर्जरी की सलाह दे सकते हैं, जिसमें रक्त प्रवाह के लिए नया मार्ग बनाया जाता है।
- दवा उपचार: कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर दवाएं दे सकते हैं।
- जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव नियंत्रण से हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।