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Maharashtra is PM Modi's successor : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नागपुर यात्रा को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत के बयान से अलग माहौल बन गया है।

1. संजय राउत के बयान ने मचाया सियासी भूचाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मिलने इसलिए गए थे ताकि उन्हें यह संदेश दे सकें कि वे अब सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की तैयारी कर रहे हैं। राउत ने कहा कि मोदी यह भी संकेत देना चाहते थे कि उनका उत्तराधिकारी महाराष्ट्र से होगा।

राउत का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश की राजनीति 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रही है। उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 से 12 वर्षों में आरएसएस मुख्यालय की यात्रा नहीं की थी, और अब जब वे अचानक नागपुर पहुंचे, तो इसके पीछे जरूर कोई बड़ा कारण रहा होगा। राउत ने यह तक कह डाला कि हो सकता है वे सितंबर में सेवानिवृत्ति का आवेदन लिखने के मूड में हों।

2. मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया दावे को खारिज
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संजय राउत के दावों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल 2024 में देश का नेतृत्व करेंगे, बल्कि 2029 के चुनावों के बाद भी वही प्रधानमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी की तलाश करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मोदी अब भी पूरी तरह सक्रिय हैं और देश को दिशा दे रहे हैं।

फडणवीस ने राउत की बातों को 'मुगल संस्कृति' से जोड़ते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में जब कोई नेता सक्रिय होता है, तब उसके उत्तराधिकारी की चर्चा करना अनुचित होता है। उन्होंने कहा कि राउत का बयान भारतीय मूल्यों के खिलाफ है और इस पर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

3. आरएसएस का भी आया प्रतिक्रिया में जवाब
आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के संन्यास को लेकर किसी भी तरह की चर्चा की जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस का मिशन दीर्घकालीन होता है, और किसी नेता की यात्रा को लेकर बेवजह अटकलें लगाना सही नहीं है।

4. पीएम मोदी की नागपुर यात्रा: इत्तेफाक या संकेत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया। यह यात्रा कई मायनों में खास थी क्योंकि मोदी करीब 11 वर्षों बाद संघ मुख्यालय पहुंचे थे। उनके साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।

इस दौरे को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। कुछ लोग इसे एक सामान्य शिष्टाचार भेंट मान रहे हैं, जबकि विपक्षी नेता इसे राजनीतिक संकेत के रूप में देख रहे हैं।

5. क्या मोदी वाकई राजनीति से संन्यास की तैयारी में हैं?
यह सवाल अब चर्चा में आ गया है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सचमुच राजनीति से विदाई की तैयारी कर रहे हैं? हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन संजय राउत के बयान और आरएसएस मुख्यालय की यात्रा ने इस अटकल को हवा जरूर दी है।

भारतीय राजनीति में ऐसे दावे और अफवाहें नई नहीं हैं। परंतु जब ऐसे बयान संसद के वरिष्ठ सदस्यों या अनुभवी नेताओं द्वारा दिए जाते हैं, तो उनका प्रभाव ज्यादा होता है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में इस विषय पर और क्या बयान सामने आते हैं।