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Women's Health : 45 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कई महिलाएं समय से पहले (Premature Menopause) इस स्थिति का सामना करने लगती हैं। यह न केवल हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है।

एक प्रमुख समस्या रुमेटॉइड गठिया (Rheumatoid Arthritis - RA) का खतरा बढ़ना है।
 एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन में कमी से ऑटोइम्यून बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

आइए जानते हैं कि समय से पहले रजोनिवृत्ति क्यों होती है, इसके क्या प्रभाव होते हैं, और इससे बचाव के लिए कौन-से उपाय किए जा सकते हैं।

समय से पहले रजोनिवृत्ति क्या है?

जब रजोनिवृत्ति 45 वर्ष से पहले होती है, तो इसे समय से पहले रजोनिवृत्ति (Premature Menopause) कहा जाता है।

आम तौर पर, महिलाओं में रजोनिवृत्ति 50-52 वर्ष की उम्र के बीच होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 40 वर्ष से पहले भी हो सकती है, जिसे "Premature Ovarian Failure (POF)" कहा जाता है।

इसके कारण:

हार्मोनल असंतुलन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की कमी)

ऑटोइम्यून बीमारियां (जैसे रुमेटॉइड गठिया)

अनुवांशिक कारण

तनाव और अनियमित जीवनशैली

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन

कीमोथेरेपी या रेडिएशन का प्रभाव

क्या संकेत मिलते हैं?

मासिक धर्म का अनियमित हो जाना

अचानक गर्मी महसूस होना (Hot Flashes)

जोड़ों और शरीर में दर्द

मूड स्विंग्स और अवसाद (Depression & Anxiety)

त्वचा में सूखापन और झुर्रियां

समय से पहले रजोनिवृत्ति का प्रभाव

1. हड्डियों और जोड़ों पर असर (Rheumatoid Arthritis का खतरा) 

एस्ट्रोजन की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) और रुमेटॉइड गठिया (RA) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

समाधान:

कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार लें।

नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें।

डॉक्टर की सलाह से हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) लें।

2. इम्यून सिस्टम पर असर और ऑटोइम्यून बीमारियां

एस्ट्रोजन प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को प्रभावित करता है। जब इसका स्तर गिरता है, तो शरीर ऑटोइम्यून बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है, जैसे रुमेटॉइड गठिया, थायरॉयड समस्याएं और ल्यूपस (Lupus)।

समाधान:

इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें।

तनाव कम करें और योग करें।

डॉक्टर से सलाह लेकर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं लें।

3. मानसिक स्वास्थ्य पर असर (डिप्रेशन और एंग्जायटी)

हार्मोनल असंतुलन से मूड स्विंग्स, डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

समाधान:

मेडिटेशन और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

भरपूर नींद लें और तनाव कम करने की कोशिश करें।

ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लें और थेरेपी करवाएं।

क्या समय से पहले रजोनिवृत्ति का इलाज संभव है?

"हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)" सबसे प्रभावी इलाज है।

यह एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को संतुलित करता है।

रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करता है और हड्डियों की कमजोरी को रोकता है।

हालांकि, HRT शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।

ब्रिटिश मेनोपॉज सोसाइटी (BMS) के एक अध्ययन (जनवरी 2024) में पाया गया कि:

45 वर्ष से पहले रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं में ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

रजोनिवृत्ति हार्मोन थेरेपी (MHT) लेने से इस खतरे को कम किया जा सकता है।

रजोनिवृत्ति से बचाव के लिए 5 ज़रूरी उपाय

1. संतुलित आहार लें

शरीर को सही पोषण देने से हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित किया जा सकता है।

क्या खाएं?

हरी सब्जियां (पालक, ब्रोकोली)

नट्स और बीज (अलसी, अखरोट)

डेयरी उत्पाद (दूध, पनीर)

ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ (फिश, चिया सीड्स)

2. व्यायाम करें 

योग और वॉकिंग से हड्डियों की मजबूती बनी रहती है।

रेसिस्टेंस ट्रेनिंग (Resistance Training) करने से मांसपेशियां और जोड़ों की सेहत बेहतर होती है।

3. तनाव कम करें 

मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।

ज़्यादा चिंता करने से हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है।

4. धूम्रपान और अल्कोहल से बचें

स्मोकिंग से एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है।

शराब का अधिक सेवन हड्डियों को कमजोर कर सकता है।

5. डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं

हर साल बोन डेंसिटी टेस्ट करवाएं।

थायरॉइड और हार्मोनल स्तर की जांच कराएं।

अगर समय से पहले रजोनिवृत्ति के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।