img

PM Kisan Samman Yojana:  देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच एक संसदीय समिति ने सरकार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत किसानों को मिलने वाली वार्षिक राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये करने की सिफारिश की है। यह सुझाव कृषि मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने दिया, जिसकी अध्यक्षता चरणजीत सिंह चन्नी कर रहे हैं। समिति का मानना है कि बढ़ी हुई राशि से किसानों को राहत मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

पीएम किसान निधि में 12000 रुपये की सिफारिश

17 दिसंबर 2024 को लोकसभा में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांग पेश करते हुए स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में किसानों के लिए मदद बढ़ाने की बात कही।

रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से सिफारिश की गई है कि पीएम किसान सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये की जाए।

यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और उनकी मौजूदा समस्याओं को हल करने में सहायक हो सकता है।

बजट 2025 में किसानों को राहत मिलने की उम्मीद

यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राशि बढ़ाने की मांग उठाई गई है।

किसान प्रतिनिधि लंबे समय से इस योजना में सुधार और अधिक आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं।

1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी।

ऐसी संभावना है कि संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद बजट में किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा हो सकती है।

योजना की शुरुआत और अब तक का सफर

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के बजट में की थी।

यह योजना छोटे और मझोले किसानों को सालाना 6000 रुपये तीन किस्तों में देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए पैसा भेजा जाता है।

अब तक इस योजना के तहत 3.45 लाख करोड़ रुपये 18 किस्तों में किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

चुनावों से पहले उम्मीदें बढ़ीं

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भी पीएम किसान सम्मान निधि में राशि बढ़ाने की चर्चा थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।

संसदीय समिति की नई सिफारिशों के बाद उम्मीद है कि सरकार इस योजना को संशोधित कर सकती है।

योजना के लाभ और बढ़ी हुई राशि का महत्व

आर्थिक मदद: 6000 रुपये वार्षिक से 12000 रुपये की राशि बढ़ने से किसानों को अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी।

कृषि लागत में मदद: बढ़ी हुई राशि किसानों को खाद, बीज और कृषि उपकरण खरीदने में मदद करेगी।

कृषि विकास: किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार से देश की कृषि व्यवस्था मजबूत होगी।


Read More: बजाज फाइनेंस ने किया ट्रिपल सरप्राइज: बोनस, स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड का ऐलान, शेयर 5% टूटा"