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UP Politics : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बिहार की राजनीति पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर सीधा हमला करते हुए उनकी राजनीति को विफल बताया।

इसके अलावा, उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘कट्टरपंथी’ बयान और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के ‘वैज्ञानिक बनने’ वाले बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।

राजद को बताया 'मृत कारतूस', बिहार में एनडीए की बढ़त का दावा

बिहार में राजद के राजनीतिक भविष्य पर बोलते हुए राजभर ने कहा कि अब यह दल एक ‘मृत कारतूस’ बन चुका है और इसका राजनीतिक खेल पूरी तरह खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि जनता ने कई बार राजद को मौका दिया, लेकिन हर बार इस पार्टी ने समाज के सभी वर्गों के कल्याण के बजाय केवल अपने हितों पर ध्यान दिया।

2025 में बिहार में एनडीए का नेतृत्व कौन करेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर अटकलें लगाना फिलहाल सही नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि नीतीश कुमार एनडीए की कमान संभालेंगे या नहीं, यह समय ही बताएगा।

2026 का चुनाव अकेले लड़ेगी सुभासपा, मोदी की लहर का दिया हवाला

ओम प्रकाश राजभर ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी 2026 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का एनडीए में रहना कोई मजबूरी नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चल रही है और इसी वजह से कई नेता अपनी राजनीतिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनडीए में शामिल हो रहे हैं।

बिहार में बड़े स्तर पर अभियान की तैयारी

बिहार में अपनी पार्टी के विस्तार की योजना पर चर्चा करते हुए राजभर ने कहा कि निकट भविष्य में वह राज्य में बड़े पैमाने पर रैलियां और कार्यक्रम आयोजित करेंगे। उन्होंने बताया कि वह हर महीने चार रैलियां करते हैं और अब तक 156 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम कर चुके हैं।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आगामी चुनाव में उनकी पार्टी बिहार की 29 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

सीएम योगी के ‘कट्टरपंथी’ बयान पर दी सफाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ‘कट्टरपंथी’ शब्द के इस्तेमाल पर पूछे गए सवाल पर राजभर ने कहा कि हर शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं और यह इस पर निर्भर करता है कि कोई उसे किस रूप में देखना चाहता है।

उन्होंने कहा कि इस शब्द पर विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि राजनीतिक दल अक्सर वोट बैंक की राजनीति करते हैं और अपने समर्थकों को रिझाने के लिए बयानबाजी करते हैं।

ओवैसी के 'वैज्ञानिक बनने' वाले बयान पर हमला

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के वैज्ञानिक बनने वाले बयान पर पलटवार करते हुए राजभर ने सवाल उठाया कि अगर ओवैसी इतने बड़े मुस्लिम नेता हैं, तो 18% मुस्लिम उनके साथ क्यों नहीं गए?

उन्होंने दावा किया कि एनडीए शासन के दौरान 51 मुस्लिम बच्चों को उच्च पदों पर नियुक्त किया गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि भाजपा और सहयोगी दल मुस्लिम समाज के विकास पर ध्यान दे रहे हैं।

उर्दू भाषा और कुंभ मेले पर बयान

उर्दू भाषा के मुद्दे पर राजभर ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि संविधान ने सभी को अपनी भाषा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है। उन्होंने साफ कहा कि हर व्यक्ति को अपनी भाषा में बोलने का अधिकार है और इस पर किसी प्रकार की पाबंदी नहीं होनी चाहिए।

इसके अलावा, कुंभ मेले पर विपक्षी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष के लोग अपनी राजनीतिक सोच के अनुसार चीजों को देखने के लिए 'अलग-अलग चश्मा' लगाते हैं।


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