प्यू रिसर्च सेंटर की एक नई रिपोर्ट आने वाले वर्षों में दुनिया की धार्मिक आबादी में होने वाले बदलावों के बारे में चौंकाने वाले आंकड़े पेश करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 36 सालों में यानी 2060 तक दुनिया में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा यानी 70% तक बढ़ने का अनुमान है।
मुस्लिम आबादी में तेजी से बढ़ोतरी:
प्यू रिसर्च ने प्रजनन दर, युवा जनसंख्या और धार्मिक रूपांतरण के आधार पर 2060 में प्रत्येक धर्म की जनसंख्या का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2060 तक दुनिया की आबादी 32% बढ़ जाएगी, जबकि मुस्लिम आबादी 70% तक बढ़ सकती है। 2015 में दुनिया में 1.8 अरब मुस्लिम थे, जो 2060 तक 3 अरब तक पहुंच सकते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर अन्य धर्मों की तुलना में अधिक है। जहां अन्य धर्मों में एक महिला औसतन दो बच्चों को जन्म देती है, वहीं मुस्लिम महिलाएं औसतन तीन बच्चों को जन्म देती हैं। इसके अलावा, मध्य पूर्व और उप-सहारा अफ्रीका में बड़ी मुस्लिम आबादी है और 2060 तक इन क्षेत्रों में प्रजनन दर ऊंची रहने की उम्मीद है। मुसलमानों में भी बड़ी संख्या में युवा आबादी है, जो जनसंख्या वृद्धि का एक कारण है।
मुस्लिम जनसंख्या में तीव्र वृद्धि का अनुमान क्या है ?
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य पूर्व और उप-सहारा अफ्रीका में बड़ी मुस्लिम आबादी है और 2060 तक इन क्षेत्रों में प्रजनन दर ऊंची रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुसलमानों में युवा आबादी भी अधिक है। 2010 में, 34 प्रतिशत मुस्लिम आबादी 15 वर्ष से कम उम्र की थी, जबकि 60 प्रतिशत आबादी 15 से 59 वर्ष के बीच थी और केवल 7 प्रतिशत 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के थे।
45 वर्षों में भारत में कितने मुसलमान होंगे ?
भारत की मुस्लिम आबादी पर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2060 तक देश की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 19.4 प्रतिशत हो जाएगी, जो 2015 में 14.9 प्रतिशत थी। रिपोर्ट का अनुमान है कि 36 साल में भारत की मुस्लिम आबादी 33 करोड़ तक पहुंच जाएगी. वहीं, नाइजीरिया को लेकर कहा गया कि इस देश में मुसलमानों और ईसाइयों की आबादी बराबर है, लेकिन 2060 तक 60.5 फीसदी आबादी मुस्लिम होगी, यानी नाइजीरिया में मुसलमानों की संख्या ईसाइयों से ज्यादा हो जाएगी.
ईसाइयों और हिंदुओं के बारे में क्या अनुमान है ?
रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से 2060 के बीच ईसाई आबादी 34 फीसदी तक बढ़ सकती है. वहीं, हिंदुओं की संख्या में 27 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है। वर्तमान में विश्व की 31 प्रतिशत जनसंख्या ईसाई है, जबकि 15 प्रतिशत हिन्दू है।
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