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Vav ByElection : वाव उपचुनाव के लिए प्रचार तेज हो गया है. बीजेपी ने बड़े नेताओं को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. अल्पेश ठाकोर, शंकर चौधरी के बाद अब बनासकांठा जिले के पूर्व सांसद परबत पटेल भी इस मुहिम में शामिल हो गए हैं. हालांकि इन सबके बीच परबत पटेल ने बड़ा कबूलनामा किया है और माना है कि बीजेपी मावजी पटेल से डरती है, बीजेपी हार भी सकती है. 

वाव सीट पर प्रचार के दौरान सामाजिक सम्मेलनों और बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. हाल ही में चौधरी समाज की मैत्रीपूर्ण बैठक हुई, जिसमें बीजेपी के पूर्व सांसद पर्वत पटेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने माना कि मावजी भाई जो वोट लेंगे उससे बीजेपी को ही नुकसान होगा, मावजी भाई की वजह से ही हमें मिलना पड़ा. परबत पटेल ने संबोधन के दौरान माना कि अगर मावजी भाई नहीं लड़ते तो हमें ये लड़ाई नहीं लड़नी पड़ती. मावजीभाई हमारे वोट तोड़ देंगे. अगर मावजीभाई चुनाव में नहीं होते तो हम एकतरफा जीत हासिल करते. ठाकोर समुदाय ने भी हमारे उम्मीदवार को वोट दिया है. लोकसभा में चौधरी समाज ने गनीबेन को एक भी वोट नहीं दिया. स्वरूपजी की ही नियुक्ति हुई है, आपका वोट नरेंद्र मोदी को जाना है। यदि आप चाहते हैं कि कांग्रेस जीते और फिर से बुरे दिन लाए, तो कहीं और वोट करें। तालुका-जिला पंचायतों का चुनाव पार्टी खुद लड़ेगी, निर्दलीय नहीं लड़ेंगे. यहां जंग सिर्फ बीजेपी-कांग्रेस के बीच है.

वाव सीट की राजनीति 
कांग्रेस ने गुलाब सिंह राजपूत को टिकट दिया है तो बीजेपी ने स्वरूपजी ठाकोर को मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में स्वरूपजी ठाकोर जेनीबेन ठाकोर से चुनाव हार गये थे.   

स्वरूपजी ठाकोर ने 2022 में जेनीबेन ठाकोर के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें स्वरूपजी ठाकोर विधानसभा चुनाव में हार गए थे. स्वरूपजी ठाकोर गनीबेन 15,601 वोटों से हार गए. इसके अलावा 2019 में उन्होंने बनासकांठा में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था.

इस वाव विधानसभा उपचुनाव में उनके नाम की चर्चा ने फिर जोर पकड़ लिया. फिर बीजेपी ने इस बैठक में स्वरूपजी ठाकोर को रिपीट कर एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है.  

विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में कांग्रेस उम्मीदवार गनीबेन ठाकोर को 1,02,513 वोट मिले, जबकि बीजेपी के स्वरूपजी ठाकोर को 86,912 वोट मिले.

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