New Zealand Earthquake : मंगलवार, 25 मार्च को न्यूजीलैंड के रिवर्टन तट पर एक शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 मापी गई। यह झटका देश के दक्षिणी द्वीप के रिवर्टन से करीब 159 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में महसूस किया गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) के ज़रिए इसकी पुष्टि की है। इस भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से करीब 10 किलोमीटर (6.21 मील) की गहराई में स्थित था, जो इसे अपेक्षाकृत उथला भूकंप बनाता है और इसकी तीव्रता को और ज़्यादा खतरनाक बनाता है।
किसी नुकसान की खबर नहीं, लेकिन सतर्कता ज़रूरी
अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भूकंप के बाद की स्थिति को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। न्यूजीलैंड में इस तरह के भूकंप आम हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से काफी संवेदनशील है। आपातकालीन सेवाएं, सिविल डिफेंस एजेंसियां और स्थानीय प्रशासनिक इकाइयाँ स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और किसी भी संभावित आफ्टरशॉक या खतरे से निपटने के लिए तैयारियां कर रही हैं।
सुनामी की आशंका से बढ़ी चिंता
भूकंप के तुरंत बाद न्यूजीलैंड की नेशनल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (NEMA) ने कहा कि वे यह आकलन कर रहे हैं कि क्या इससे सुनामी की आशंका उत्पन्न हो सकती है। एजेंसी के अनुसार, यदि सुनामी बनती है तो उसे तटीय क्षेत्रों तक पहुंचने में कम से कम एक घंटा लग सकता है, जिससे लोगों को सतर्क रहने और संभावित खतरे से निपटने का वक्त मिलेगा। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसी कोई पुष्टि होती है, तो तटीय क्षेत्रों के लिए चेतावनी जारी की जाएगी।
क्राइस्टचर्च को याद दिलाया 2011 का विनाशकारी भूकंप
यह हालिया भूकंप एक बार फिर लोगों को 2011 के विनाशकारी भूकंप की याद दिला गया, जो क्राइस्टचर्च में आया था और जिसकी तीव्रता 6.3 थी। उस हादसे में 185 लोगों की जान चली गई थी और शहर को काफी नुकसान पहुंचा था। उस समय की भयावहता अभी भी लोगों के दिलों-दिमाग में ताजा है।
न्यूजीलैंड: धरती की दो टकराती प्लेटों पर बसा देश
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, न्यूजीलैंड की भौगोलिक स्थिति इसे भूकंप के लिहाज से विश्व के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक बनाती है। यह देश दो टेक्टोनिक प्लेटों—ऑस्ट्रेलियाई और प्रशांत प्लेटों—के बीच स्थित है, जिनके परस्पर टकराव से अक्सर ज़ोरदार भूकंप आते हैं। यह टेक्टोनिक गतिविधि न्यूजीलैंड को अत्यधिक भूकंपीय बनाती है और यहां के निवासियों को हमेशा सतर्क रहने की ज़रूरत होती है।
इतिहास का सबसे बड़ा झटका: 1931 का हॉक्स बे भूकंप
न्यूजीलैंड के इतिहास में अब तक का सबसे घातक भूकंप 1931 में आया था, जब हॉक्स बे क्षेत्र में 7.8 तीव्रता का झटका महसूस किया गया था। इस भीषण त्रासदी में 256 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। यह घटना न्यूजीलैंड के इतिहास में भूकंप सुरक्षा के लिए एक चेतावनी बनकर सामने आई, जिससे सरकार और जनता दोनों को आपदा प्रबंधन की गंभीरता का एहसास हुआ।
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Brijendra
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