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बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी को कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी का नया नेता चुना गया है। उनके इस पद पर आने के साथ ही वे देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वह जस्टिन ट्रूडो का स्थान लेंगे, जिन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

59 वर्षीय मार्क कार्नी को पार्टी के 86 प्रतिशत सदस्यों का समर्थन मिला, जिससे उनकी मजबूत पकड़ का संकेत मिलता है। राजनीति में नए होने के बावजूद, कार्नी का कहना है कि वे पार्टी को पुनर्जीवित करने और कनाडा की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

कनाडा की अर्थव्यवस्था और ट्रंप के साथ व्यापार वार्ता

मार्क कार्नी का मानना है कि वे कनाडा की लिबरल पार्टी को नई ऊर्जा देने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापार वार्ता को सही दिशा देने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। ट्रंप ने हाल ही में कनाडा पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिससे कनाडा की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है।

कार्नी के अनुसार, उनका आर्थिक अनुभव उन्हें इन मुद्दों से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम बनाता है। कनाडा के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि राजनीतिक पृष्ठभूमि के बिना किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन उनकी वित्तीय विशेषज्ञता और अंतरराष्ट्रीय अनुभव इस भूमिका के लिए उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं।

उन्होंने कहा, "मैंने दो G7 देशों के केंद्रीय बैंकों का नेतृत्व किया है, और मुझे विश्वास है कि मेरा अनुभव ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने में फायदेमंद होगा।"

मार्क कार्नी कौन हैं?

मार्क कार्नी का जन्म फोर्ट स्मिथ, नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़, कनाडा में हुआ था और उनका बचपन एडमॉन्टन में बीता। शिक्षा की बात करें तो उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

उनका बैंकिंग करियर तब शुरू हुआ जब 2008 में उन्हें बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर नियुक्त किया गया।

महत्वपूर्ण उपलब्धियां

  • 2010 में टाइम मैगज़ीन ने उन्हें दुनिया के 25 सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल किया।
  • 2011 में रीडर्स डाइजेस्ट ने उन्हें "सबसे विश्वसनीय कनाडाई" के रूप में नामित किया।
  • 2012 में यूरोमनी मैगज़ीन ने उन्हें "वर्ष का केंद्रीय बैंक गवर्नर" घोषित किया।
  • 2013 में वे बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने, और यह पद संभालने वाले पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने।
  • 2020 तक वे इस पद पर बने रहे, जिसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में विशेष दूत और ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट में उच्च पदों पर काम किया।

हाल ही में उन्होंने इन पदों से इस्तीफा देकर कनाडा की लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने का फैसला किया।

जस्टिन ट्रूडो ने अपने विदाई भाषण में क्या कहा?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को देश को अपना अंतिम भाषण दिया। उन्होंने कनाडा के नागरिकों से देश के भविष्य से जुड़े रहने की अपील की।

लिबरल पार्टी के समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा,
“मुझे इस बात पर गर्व है कि पिछले 10 वर्षों में हमने क्या-क्या हासिल किया है। लेकिन आज की रात सिर्फ अतीत के बारे में नहीं, बल्कि हमारे भविष्य के बारे में है।”

ट्रूडो ने कनाडा की आर्थिक चिंताओं पर चर्चा की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का भी सूक्ष्म रूप से उल्लेख किया।

उन्होंने कहा,
“हम एक ऐसा देश हैं जो हमेशा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहता है। अगर हमें संघर्ष करना पड़े, तो हम एकजुट होकर संघर्ष करेंगे।”


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