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Maha Kumbh 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में पहुंचे और संगम में पवित्र स्नान किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। पीएम मोदी इस दौरान भगवा वस्त्र धारण किए हुए थे और उनके गले में रुद्राक्ष की माला थी। मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने संगम में अकेले डुबकी लगाई।
प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी का विमान बमरौली हवाई अड्डे पर उतरा, जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से डीपीएस हेलीपैड पहुंचे, जहां से उनका काफिला अरैल स्थित वीआईपी घाट की ओर रवाना हुआ।
मोटर बोट से पहुंचे संगम
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी मोटर बोट से संगम पहुंचे। यात्रा के दौरान सीएम योगी ने उन्हें महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। दोनों नेता संगम तक जाते हुए एक-दूसरे से चर्चा करते नजर आए।
सुरक्षा के बीच किया संगम स्नान
पीएम मोदी ने संगम में डुबकी लगाई, लेकिन यह सुनिश्चित किया कि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने संगम घाट से कुछ दूरी पर स्नान किया। इस दौरान सुरक्षाकर्मी उनके चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाए हुए थे।
संतों से मुलाकात और प्रयागराज से वापसी
संगम स्नान के बाद प्रधानमंत्री मोदी संतों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोपहर 12:30 बजे वह वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
यातायात व्यवस्था में बदलाव
एसपी ट्रैफिक मेला अंशुमान मिश्रा ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान अरैल स्थित वीआईपी घाट की ओर जाने वाले मार्ग पर कुछ समय के लिए यातायात को नियंत्रित किया गया। हालांकि, अन्य कोई बड़ा डायवर्जन लागू नहीं किया गया।
महाकुंभ 2025: प्रमुख स्नान तिथियां
महाकुंभ में अब तक तीन अमृत स्नान हो चुके हैं। इसके बाद दो महत्वपूर्ण स्नान शेष हैं। श्रद्धालु भीड़ से बचने के लिए फरवरी में होने वाले शेष स्नानों के दौरान प्रयागराज पहुंच सकते हैं।
महाशिवरात्रि स्नान (26 फरवरी 2025)
महाकुंभ का चौथा प्रमुख स्नान महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
अमृत स्नान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह स्नान पितृदोष से मुक्ति दिलाने में भी सहायक माना जाता है।
महाकुंभ के दौरान किया गया कोई भी स्नान पुण्यकारी होता है, लेकिन अमृत स्नान को विशेष रूप से अमरत्व प्रदान करने वाला माना जाता है। श्रद्धालु इस पावन अवसर का लाभ उठाकर आध्यात्मिक शांति और आस्था का अनुभव कर सकते हैं।