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 Health Tips : हमारी नींद की आदतें हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं। कई बार अनजाने में अपनाई गई गलत आदतें हमें गंभीर बीमारियों की ओर धकेल सकती हैं। उन्हीं में से एक है ऊंचा तकिया लेकर सोना। यह एक ऐसी आदत है जिसे तुरंत बदलना बेहद जरूरी है, वरना यह कई समस्याओं को जन्म दे सकती है। आइए जानते हैं कि ऊंचा तकिया लेकर सोने से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं और इसका सही विकल्प क्या है।

1. ग्रीवा (Cervical) समस्या

ऊंचा तकिया लेकर सोने से गर्दन की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे सर्वाइकल दर्द हो सकता है। यदि यह आदत लंबे समय तक जारी रहती है, तो ग्रीवा रीढ़ (Cervical Spine) में विकृति आ सकती है, जिससे दर्द असहनीय हो जाता है।

कैसे होता है नुकसान?

  • ऊंचा तकिया गर्दन को ऊपर की ओर झुका देता है, जिससे रीढ़ की हड्डी का संरेखण (alignment) खराब हो जाता है।
  • लगातार ऊंचे तकिये का इस्तेमाल करने से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • इससे सिरदर्द, चक्कर आना, कंधे में जकड़न और शरीर में भारीपन महसूस हो सकता है।

2. त्वचा पर मुंहासे और पिंपल्स

ऊंचे तकिये के कारण रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे चेहरे पर ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती। इसके कारण त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, और मुंहासे व पिंपल्स की समस्या बढ़ सकती है।

किन वजहों से त्वचा प्रभावित होती है?

  • रक्त संचार में बाधा आने से चेहरे पर डलनेस और झुर्रियां भी जल्दी आ सकती हैं।
  • त्वचा की नेचुरल ग्लो खत्म होने लगता है।
  • लंबे समय तक ऊंचे तकिये का इस्तेमाल करने से डार्क सर्कल्स और फाइन लाइन्स बढ़ सकते हैं।

3. स्लिप्ड डिस्क की समस्या

रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए सोने की सही मुद्रा बेहद जरूरी होती है। ऊंचा तकिया लेकर सोने से स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे स्लिप्ड डिस्क की समस्या हो सकती है।

इसके प्रभाव:

  • लंबे समय तक इस आदत को अपनाने से रीढ़ की हड्डी में झुकाव (posture misalignment) आ सकता है।
  • कंधों, पीठ और गर्दन में लगातार दर्द बना रहता है।
  • मांसपेशियों में सूजन और अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. नींद की गुणवत्ता पर असर

ऊंचा तकिया लेकर सोने से शरीर की स्वाभाविक मुद्रा (natural sleeping posture) बिगड़ सकती है, जिससे बार-बार नींद टूट सकती है। सही आराम न मिलने से व्यक्ति थकान, सिरदर्द और स्ट्रेस का शिकार हो सकता है।

कैसे प्रभावित होती है नींद?

  • गर्दन और पीठ में असहजता के कारण बार-बार नींद में बाधा आती है।
  • शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे ब्रेन फॉग और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
  • यह आदत धीरे-धीरे अनिद्रा (insomnia) का कारण भी बन सकती है।

5. सही सोने का तरीका क्या है?

अगर आप ऊंचे तकिये का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे तुरंत बदलना फायदेमंद होगा। सही तकिये और सोने की मुद्रा को अपनाने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।

1. तकिये का सही चुनाव करें

  • मध्यम ऊंचाई (Medium-height) वाला तकिया इस्तेमाल करें, जो गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सही सपोर्ट दे।
  • स्मृति फोम (Memory Foam) या ऑर्थोपेडिक तकिया सबसे अच्छा होता है।
  • बहुत सख्त या बहुत मुलायम तकिया भी सही नहीं होता।

2. सही सोने की मुद्रा अपनाएं

  • बाईं करवट लेकर सोना सबसे फायदेमंद माना जाता है। इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर को आराम मिलता है।
  • पीठ के बल सोने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, जिससे स्लिप्ड डिस्क और सर्वाइकल की समस्या से बचाव होता है।
  • पेट के बल सोने से बचें, क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता है।

3. अन्य सावधानियां

  • सोने से पहले बहुत भारी खाना न खाएं।
  • रात में टाइट कपड़े पहनने से बचें, ताकि रक्त संचार सही बना रहे।
  • अच्छी नींद के लिए सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करें या रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनें।


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