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कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम का ट्रेंड तेजी से बढ़ा, जिससे लोगों को घर से काम करने की सहूलियत मिली। हालांकि, लंबे समय तक लैपटॉप का उपयोग करने से सेहत पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। खासतौर पर पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर इसका गहरा असर देखा गया है।

आजकल पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी प्रमुख वजह बदलती जीवनशैली, अनहेल्दी आदतें, और आधुनिक गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल है। टाइट कपड़े पहनना, हाई हील्स, शराब व धूम्रपान, देर रात तक जागना और नशा करने जैसी आदतें प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक लैपटॉप का उपयोग भी आपकी पितृत्व क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है?

आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे लैपटॉप का अधिक उपयोग पुरुषों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है और इससे बचने के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।

कैसे लैपटॉप पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है?

1. लैपटॉप की गर्मी से शुक्राणुओं की संख्या घटती है

जब पुरुष लैपटॉप को अपनी जांघों या गोद में रखकर काम करते हैं, तो इससे उत्पन्न गर्मी अंडकोष (Testicles) के तापमान को 1 से 2 डिग्री तक बढ़ा देती है। शुक्राणु (Sperm) का निर्माण सामान्य तापमान से थोड़ा कम तापमान पर होता है। जब तापमान बढ़ जाता है, तो शुक्राणुओं की संख्या में भारी गिरावट आ सकती है।

  • शोध के अनुसार, अंडकोष का तापमान मात्र 1-2°C बढ़ने से शुक्राणुओं की संख्या 40% तक घट सकती है।
  • अगर दिनभर लैपटॉप को गोद में रखकर काम किया जाए, तो यह तापमान 5°C तक बढ़ सकता है, जिससे शुक्राणु पूरी तरह से नष्ट हो सकते हैं।
  • न केवल संख्या में कमी होती है, बल्कि शुक्राणुओं की गुणवत्ता (Sperm Quality) भी प्रभावित होती है, जिससे पुरुषों की पितृत्व क्षमता कम हो सकती है।

2. विद्युतचुंबकीय तरंगें (EMF) भी बन सकती हैं बाधा

लैपटॉप से निकलने वाले विद्युतचुंबकीय क्षेत्र (Electromagnetic Field - EMF) भी पुरुषों की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं। ये तरंगें शरीर के डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं और शुक्राणुओं की गतिशीलता (Motility) को कम कर सकती हैं।

  • EMF का अधिक एक्सपोजर शुक्राणुओं के डीएनए को क्षतिग्रस्त कर सकता है, जिससे स्वस्थ गर्भधारण मुश्किल हो जाता है।
  • यह शुक्राणुओं की गति (Motility) और तीव्रता को भी प्रभावित करता है, जिससे वे अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते।
  • इससे निषेचन (Fertilization) की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।

3. हार्मोनल असंतुलन और टेस्टोस्टेरोन में गिरावट

लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स पुरुषों के हार्मोनल संतुलन को भी प्रभावित कर सकती हैं। यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को कम कर सकती हैं, जो पुरुषों की फर्टिलिटी और यौन स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

  • कम टेस्टोस्टेरोन से यौन इच्छाशक्ति (Libido) में कमी आ सकती है।
  • शुक्राणु उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे पुरुषों में बांझपन (Infertility) की समस्या बढ़ सकती है।

लैपटॉप के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या करें?

अगर आप भी दिनभर लैपटॉप पर काम करते हैं, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर इन दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।

1. लैपटॉप को गोद में रखने से बचें

लैपटॉप को हमेशा टेबल या लैपटॉप स्टैंड पर रखकर काम करें। यदि आवश्यक हो, तो हीट शील्ड या कूलिंग पैड का उपयोग करें, जिससे लैपटॉप की गर्मी आपके शरीर तक न पहुंचे।

2. हर 30-40 मिनट में ब्रेक लें

लगातार घंटों तक लैपटॉप पर काम करने से बचें। हर 30-40 मिनट में थोड़ा ब्रेक लें, खड़े हों और थोड़ा चलें, ताकि शरीर का तापमान सामान्य बना रहे।

3. वायरलेस इंटरनेट और ब्लूटूथ के अधिक उपयोग से बचें

वायरलेस इंटरनेट, ब्लूटूथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ से भी EMF रेडिएशन निकलता है, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। जब संभव हो, तो वायर्ड इंटरनेट (Ethernet) का उपयोग करें।

4. हेल्दी डाइट अपनाएं

शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए हेल्दी डाइट बहुत जरूरी है। अपने आहार में ये चीजें शामिल करें:

  • विटामिन C और E: एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं और शुक्राणुओं की गुणवत्ता सुधारते हैं।
  • जिंक और फोलिक एसिड: शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक होते हैं।
  • हरी सब्जियां, नट्स और बीज: यह सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।

5. स्ट्रेस कम करें और अच्छी नींद लें

  • ज्यादा तनाव लेने से भी पुरुषों की फर्टिलिटी प्रभावित होती है। इसलिए योग और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।