Indian Railways : भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार नए कदम उठा रहा है। इसी दिशा में रेलवे अब वेटिंग टिकट सिस्टम को नियंत्रित करने की योजना बना रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए इस संबंध में अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब रेलवे सीट के हिसाब से ही टिकट जारी करेगा, ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
रेलवे का उद्देश्य यही है कि केवल उपलब्ध सीटों के अनुसार ही टिकटों की बिक्री हो, जिससे कन्फर्म टिकट लेने वाले यात्रियों को परेशानी न हो। वेटिंग टिकट वाले यात्री अक्सर सीट की अनुपलब्धता के कारण असुविधा झेलते हैं, जिसे रेलवे खत्म करने की योजना बना रहा है।
मोदी सरकार में रेलवे ने बनाए 460 किलोमीटर नई सुरंगें
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की हालिया उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2014 तक भारतीय रेलवे में कुल 125 किलोमीटर सुरंगें थीं, लेकिन 2014 से अब तक 460 किलोमीटर नई सुरंगों का निर्माण किया गया है।
इसके अलावा, भारतीय रेल के बेड़े में:
- 56,000 जनरल और स्लीपर कोच शामिल हैं।
- 23,000 से अधिक एसी कोच हैं।
रेल मंत्री ने कोलकाता मेट्रो रेल परियोजना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 1972 से 2014 तक केवल 28 किलोमीटर का काम हुआ था, जबकि 2014 से 2024 तक 38 किलोमीटर मेट्रो लाइन का विस्तार किया गया है।
रेलवे सुरक्षा को प्राथमिकता, नए तकनीकी सुधार
रेलवे मंत्री ने बताया कि रेलवे की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए कई नई तकनीकों को अपनाया गया है, जैसे:
- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम
- कोहरे से सुरक्षा उपकरण
- ट्रेनों की मॉनिटरिंग के लिए अत्याधुनिक तकनीक
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब रेलवे के बड़े निर्यातकों में शामिल हो गया है। भारत ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच निर्यात कर रहा है, साथ ही यूके, सऊदी अरब, फ्रांस, मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी और इटली को भी रेलवे उपकरण और कोच भेजे जा रहे हैं।
इसके अलावा, बिहार में बने इंजन और तमिलनाडु में निर्मित पहिए जल्द ही दुनिया के कई देशों की ट्रेनों में उपयोग किए जाएंगे।
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Brijendra
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