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Health Tips : फरवरी के महीने में तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। 15 फरवरी के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है, और तेज गर्मी का अहसास होने लगेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि होगी। इस स्थिति में बीपी (उच्च रक्तचाप), शुगर (मधुमेह) और अस्थमा के मरीजों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। छोटी-सी लापरवाही भी इन बीमारियों को बढ़ा सकती है और सेहत के लिए जोखिम भरी हो सकती है। ऐसे में शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखना बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं कि बढ़ती गर्मी में कैसे अपना और अपनों का ख्याल रखें।

गर्मियों में सेहत का ख्याल कैसे रखें?

गर्मी के मौसम में कई स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। बीपी, शुगर और अस्थमा के मरीजों के लिए यह समय ज्यादा सावधानी बरतने का होता है। यहां कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान रखकर आप अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

1. नियमित रूप से रक्त शर्करा और बीपी की जांच करें

  • शुगर और बीपी के मरीजों को अपने स्तर की नियमित जांच करनी चाहिए।
  • अगर कोई असामान्यता महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • नियमित मॉनिटरिंग से समय पर उपचार संभव हो पाता है।

2. गर्मी से बचने के लिए नींबू पानी पिएं

  • शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए नींबू पानी सबसे अच्छा विकल्प है।
  • यदि आपका बीपी और शुगर नियंत्रण में है तो इसमें थोड़ा नमक और चीनी मिलाया जा सकता है।
  • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

3. मौसमी फल और सब्जियों का करें सेवन

  • गर्मी में शरीर को हाइड्रेटेड और पोषण से भरपूर रखने के लिए ताजे फल और सब्जियां खाएं।
  • तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, संतरा, पपीता और बेल जैसे फल बेहद फायदेमंद होते हैं।
  • पत्तेदार हरी सब्जियों को आहार में शामिल करें, लेकिन इन्हें अच्छे से धोकर ही खाएं।

4. कमजोरी महसूस हो तो सत्तू पिएं

  • गर्मी के कारण कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है, ऐसे में सत्तू पीना फायदेमंद होता है।
  • इसे बिना चीनी और नमक के भी लिया जा सकता है।
  • यह शरीर को ठंडा रखता है और एनर्जी देता है।

5. गर्मी से बचाव के लिए उचित कपड़े पहनें

  • हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें ताकि शरीर को आराम मिले।
  • तेज धूप में बाहर जाने से पहले शरीर को अच्छे से ढकें।
  • सिर पर टोपी या छाता लेकर निकलें और बीच-बीच में पानी पीते रहें।

6. हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

  • अगर सिर दर्द, चक्कर आना, अधिक पसीना आना, बेहोशी जैसा महसूस हो तो यह हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं।
  • ऐसे में तुरंत किसी ठंडी जगह पर जाएं और डॉक्टर की सलाह लें।

गर्मियों में बीपी के मरीजों को क्या करना चाहिए?

गर्मियों में बीपी के मरीजों को अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि बढ़ते तापमान के कारण ब्लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है।

1. दवाएं समय पर लें

  • बीपी के मरीजों को अपनी दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं में बदलाव न करें।

2. पानी की मात्रा बढ़ाएं

  • शरीर में पानी की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, इसलिए पर्याप्त पानी पिएं।
  • नारियल पानी और छाछ जैसे प्राकृतिक पेय भी फायदेमंद होते हैं।

3. नमक का सेवन कम करें

  • ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, इसलिए इसका सेवन कम करें।
  • प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा मसालेदार भोजन से बचें।

मधुमेह रोगियों को गर्मियों में क्या करना चाहिए?

मधुमेह के मरीजों के लिए गर्मियों में अपनी शुगर लेवल को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है।

1. नियमित रूप से ब्लड शुगर चेक करें

  • हर दिन एक निश्चित समय पर अपनी शुगर की जांच करें।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें और डाइट का ध्यान रखें।

2. शरीर को हाइड्रेटेड रखें

  • गर्मी के मौसम में शरीर जल्दी डिहाइड्रेट हो सकता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है।
  • दिनभर में पर्याप्त पानी, नींबू पानी और छाछ का सेवन करें।

3. ज्यादा मीठा खाने से बचें

  • मधुमेह के मरीजों को अधिक मीठा खाने से बचना चाहिए।
  • फलों में अत्यधिक मीठे फल जैसे आम और अंगूर कम खाएं।
  • हेल्दी स्नैक्स जैसे भुने हुए चने और मूंगफली का सेवन करें।

अस्थमा के मरीजों को गर्मियों में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

गर्मियों में अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है, इसलिए इन बातों का ध्यान रखें।

1. डॉक्टर की सलाह लें

  • यदि गर्मी में सांस लेने में दिक्कत महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अपनी दवाएं और इन्हेलर हमेशा साथ रखें।

2. धूल और प्रदूषण से बचें

  • गर्मी में हवा में अधिक धूल और प्रदूषण होता है, जो अस्थमा मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • जब भी बाहर जाएं, मास्क पहनकर निकलें।

3. व्यायाम और योग करें

  • नियमित रूप से हल्का व्यायाम और योग करने से अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • प्राणायाम और अनुलोम-विलोम करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।


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