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Decline in Institutional Investment 2024: भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में आई अस्थिरता को लेकर लोकसभा में एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा गया। इस प्रश्न में विशेष रूप से यह जानकारी मांगी गई थी कि क्या वर्ष 2023 और 2024 के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के निवेश में कमी आई है, और यदि हां, तो इसका बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा है। इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं।

2023 की तुलना में 2024 में विदेशी निवेश में भारी गिरावट

लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में विदेशी संस्थागत निवेश (FII) 1,71,107 करोड़ रुपये था। लेकिन मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से दिसंबर 2024 तक की छह महीने की अवधि में यह निवेश घटकर मात्र 23,791 करोड़ रुपये रह गया।

यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि वर्ष 2023 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में भारी मात्रा में पूंजी लगाई थी, लेकिन 2024 के मध्य से इसमें भारी गिरावट आई। विदेशी निवेशकों ने बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार से पूंजी निकाल ली, जिससे बाजार में अस्थिरता देखी गई।

विदेशी निवेश की गिरावट से शेयर बाजार पर क्या पड़ा असर?

अगर विदेशी निवेश में इतनी बड़ी गिरावट आई थी, तो इसका सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता था। आमतौर पर, जब FII अपना पैसा निकालते हैं, तो शेयर बाजार में गिरावट आती है। लेकिन इस बार हालात थोड़े अलग रहे।

घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने संभाला बाजार

जहां एक तरफ विदेशी निवेशक बाजार से बाहर निकल रहे थे, वहीं दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने इस गिरावट को थाम लिया।

  • वर्ष 2023 में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,13,278 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
  • वहीं, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद पहले छह महीनों (जून 2024 से दिसंबर 2024) में यह निवेश बढ़कर 3,12,988 करोड़ रुपये हो गया।

यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने के बावजूद, घरेलू निवेशकों ने बाजार में भरोसा बनाए रखा और निवेश जारी रखा।

घरेलू निवेशकों के भरोसे से बाजार को मिला समर्थन

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय शेयर बाजार को घरेलू निवेशकों का समर्थन मिला, जिससे बाजार को बहुत अधिक गिरने से बचाया जा सका। यदि घरेलू निवेशकों ने इस समय निवेश नहीं किया होता, तो भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल सकती थी।

क्या आगे भी घरेलू निवेशक बाजार को सहारा देंगे?

भारतीय शेयर बाजार के प्रति घरेलू निवेशकों का भरोसा अभी भी बरकरार है। जिन निवेशकों ने बाजार में पैसा लगाया है, उन्हें भविष्य में लाभ होने की संभावना है। जैसे-जैसे बाजार में स्थिरता आएगी और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, वैसे-वैसे निवेशकों को इसका फायदा मिलेगा।


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