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उपभोक्ता की शिकायत:

 लोग लगभग हर तरह की चीजें बाहर से खरीदते हैं। और लोग सामान खरीदते समय सबसे पहले उसकी एमआरपी जांचते हैं। एमआरपी का मतलब अधिकतम खुदरा मूल्य है यानी अधिकतम कीमत जिस पर कोई उत्पाद बेचा जा सकता है।

अगर भारत में एमआरपी की बात करें तो साल 2006 में भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उत्पादों पर एमआरपी लागू किया गया था।

अगर भारत में एमआरपी की बात करें तो साल 2006 में भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उत्पादों पर एमआरपी लागू किया गया था।

लेकिन अभी भी कई दुकानदार ऐसे हैं जो उपभोक्ताओं को एमआरपी से ज्यादा कीमत पर सामान बेचते हैं। बता दें कि ऐसा करना गैरकानूनी है। अगर कोई आपको कोई सामान एमआरपी से ज्यादा कीमत पर बेचता है तो आप उसे एमआरपी नियम के बारे में बता सकते हैं। हालाँकि, अगर दुकानदार फिर भी आपसे अधिक पैसे मांगता है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि ऐसे मामलों में कहां और कैसे शिकायत करें।

लेकिन अभी भी कई दुकानदार ऐसे हैं जो उपभोक्ताओं को एमआरपी से ज्यादा कीमत पर सामान बेचते हैं। बता दें कि ऐसा करना गैरकानूनी है। अगर कोई आपको कोई सामान एमआरपी से ज्यादा कीमत पर बेचता है तो आप उसे एमआरपी नियम के बारे में बता सकते हैं। हालाँकि, अगर दुकानदार फिर भी आपसे अधिक पैसे मांगता है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि ऐसे मामलों में कहां और कैसे शिकायत करें।

अगर कोई दुकानदार आपसे किसी सामान की एमआरपी से ज्यादा कीमत मांग रहा है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। उपभोक्ताओं से संबंधित मामलों से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था। जिसके लिए साल 2019 में दोबारा कानून पारित किया गया. जिसने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान ले लिया। कोई भी ग्राहक उपभोक्ता अदालत में दुकानदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करायी जा सकती है.

अगर कोई दुकानदार आपसे किसी सामान की एमआरपी से ज्यादा कीमत मांग रहा है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। उपभोक्ताओं से संबंधित मामलों से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था। जिसके लिए साल 2019 में दोबारा कानून पारित किया गया. जिसने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान ले लिया। कोई भी ग्राहक उपभोक्ता अदालत में दुकानदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करायी जा सकती है.

उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए https://consumerhelpline.gov.in/ पर जाना होगा। फिर आपको यहां पर एक अकाउंट बनाना होगा. अकाउंट बनाने के बाद सभी जानकारी के साथ साइन इन करें। फिर किस प्रकार का उत्पाद कंपनी से लिया गया है, शिकायत क्या है सभी जानकारी विस्तार से सहायक दस्तावेजों के साथ जमा करनी होगी। शिकायत सही पाए जाने पर दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए https://consumerhelpline.gov.in/ पर जाना होगा। फिर आपको यहां पर एक अकाउंट बनाना होगा. अकाउंट बनाने के बाद सभी जानकारी के साथ साइन इन करें। फिर किस प्रकार का उत्पाद कंपनी से लिया गया है, शिकायत क्या है सभी जानकारी विस्तार से सहायक दस्तावेजों के साथ जमा करनी होगी। शिकायत सही पाए जाने पर दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ग्राहक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से शिकायत करने के अलावा ग्राहक फोरम के टोल फ्री नंबर 1800 11 4000 या 1915 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा 14404 पर कॉल करके भी शिकायत की जा सकती है.

ग्राहक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से शिकायत करने के अलावा ग्राहक फोरम के टोल फ्री नंबर 1800 11 4000 या 1915 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा 14404 पर कॉल करके भी शिकायत की जा सकती है.

तो आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन एप्लिकेशन के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा आप उपभोक्ता मामले विभाग के राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 8800001915 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं।

तो आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन एप्लिकेशन के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा आप उपभोक्ता मामले विभाग के राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 8800001915 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं।


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