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Stock Market : सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में रहे। बैंकिंग और आईटी सेक्टर के शेयरों में गिरावट के चलते बाजार दबाव में आ गया।

निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए टैरिफ बयानों और

आगामी जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

45 मिनट में निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट देखने को मिली:

सुबह 10 बजे बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक (1.34%) गिरकर 73,602 पर पहुंच गया।

निफ्टी 50 भी 273 अंक (1.21%) की गिरावट के साथ 22,271 पर कारोबार कर रहा था।

इस गिरावट से बीएसई सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 7.16 लाख करोड़ रुपये घटकर 385.94 लाख करोड़ रुपये रह गया।

1996 के बाद पहली बार लगातार पांचवें महीने बाजार में गिरावट दर्ज की गई।

आईटी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान

अमेरिकी बाजार में चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया के शेयरों में गिरावट का असर भारतीय आईटी सेक्टर पर भी पड़ा।

निफ्टी आईटी इंडेक्स में 4% की गिरावट दर्ज की गई।

टेक महिंद्रा, परसिस्टेंट सिस्टम्स और एम्फेसिस सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 2% से ज्यादा की गिरावट देखी गई।

बैंकिंग, धातु, फार्मा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं और तेल-गैस क्षेत्र में भी 1-2% की गिरावट रही।

बाजार में गिरावट के 3 प्रमुख कारण

अमेरिकी टैरिफ निर्णय:

डोनाल्ड ट्रम्प ने मैक्सिको और कनाडा से आयात पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक बाजारों में दबाव बढ़ा और भारतीय बाजार पर भी असर पड़ा।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली:

विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय बाजार से लगातार पैसे निकाल रहे हैं, जिससे बाजार में गिरावट तेज हो रही है।

तीसरी तिमाही (Q3) के जीडीपी आंकड़ों का असर:

भारतीय अर्थव्यवस्था के नए आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है।

सितंबर के बाद से बेंचमार्क इंडेक्स लगभग 14% गिर चुका है।

आर्थिक मंदी की चिंता और निवेशकों की रणनीति

बाजार में गिरावट की प्रमुख वजह आर्थिक विकास दर में सुस्ती और कमजोर आय के आंकड़े हैं।

निवेशक अब भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी डेटा पर नजर रखे हुए हैं, जिसे शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किया जाएगा।

एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था इस तिमाही में पुनरुद्धार के संकेत दे सकती है।

क्या आगे भी बाजार में गिरावट जारी रहेगी?

बाजार की दिशा अब अमेरिका के आर्थिक फैसलों, विदेशी निवेशकों की रणनीति और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।

यदि ग्लोबल मार्केट में सुधार आता है और भारत की GDP उम्मीद से बेहतर रहती है, तो बाजार में रिकवरी की उम्मीद की जा सकती है।