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भारत के आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है. दरअसल, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में न केवल रोजगार, बल्कि कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ेगा। सर्वेक्षण ने भारतीय उद्योग में जनता का विश्वास बढ़ाया है और दिखाया है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत दिशा में आगे बढ़ रही है।

सर्वे में क्या हुआ खुलासा

सीआईआई सर्वेक्षण में भाग लेने वाली 97 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि वे अगले दो वर्षों में अपने कार्यबल को बढ़ाने की योजना बना रही हैं। यह आंकड़ा भारतीय बाजार में रोजगार के अवसरों की बढ़ती मांग को दर्शाता है। सर्वे में शामिल कंपनियों ने यह भी कहा कि वेतन वृद्धि का औसत अनुमान 9.4 प्रतिशत तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।

इन क्षेत्रों में बढ़ेगी सैलरी

सर्वे के मुताबिक, अलग-अलग सेक्टर में सैलरी बढ़ोतरी की दर अलग-अलग हो सकती है. उदाहरण के लिए, ऑटोमोटिव क्षेत्र में वेतन वृद्धि 8.8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी 8 ​​फीसदी से बढ़कर 9.7 फीसदी तक हो सकती है. प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव देखे जा रहे हैं, जहां कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होने की संभावना है।                         

जीडीपी भी बढ़ेगी

सीआईआई के महासचिव चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "यह सर्वेक्षण इस बात का संकेत है कि भारतीय कंपनियां भविष्य को लेकर आशावादी हैं। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और कंपनियां अपने कर्मचारियों की उत्पादकता बनाए रखने के लिए बेहतर वेतन योजनाएं अपना रही हैं। इसे अपनाने पर जोर दिया जा रहा है।" हालाँकि, सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि कंपनियों के बीच छंटनी की संख्या 11.9 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है। जीडीपी के संबंध में सीआईआई का अनुमान है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जो निजी निवेश और रोजगार वृद्धि से जुड़ी है।                      


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