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2024 में आईपीओ बाजार में जबरदस्त हलचल देखने को मिली, जहां कई कंपनियों ने रिकॉर्ड तोड़ लिस्टिंग की और निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला। अब सभी की निगाहें 2025 पर टिकी हैं, जहां कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ आने की संभावना है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, बाजार की अस्थिरता और जोखिम कारकों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करना चाहिए।

आइए जानते हैं 2025 में संभावित बड़े आईपीओ और उनका निवेशकों पर प्रभाव।

1. टाटा कैपिटल: टाटा समूह की बड़ी लिस्टिंग

टाटा समूह की वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल 2025 में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आईपीओ करीब 15,000 करोड़ रुपये का हो सकता है, जिसमें नए शेयर और बिक्री प्रस्ताव (OFS) दोनों शामिल होंगे।

  • क्यों जरूरी है लिस्टिंग?
    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, टाटा कैपिटल को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना आवश्यक है।
  • निवेशकों के लिए क्या है खास?
    टाटा कैपिटल की मजबूत ब्रांड वैल्यू और टाटा समूह की विश्वसनीयता इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना सकती है।

2. रिलायंस जियो: भारत का सबसे बड़ा आईपीओ?

रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार शाखा रिलायंस जियो इन्फोकॉम 2025 की दूसरी या तीसरी तिमाही में आईपीओ लाने की योजना बना रही है। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हो सकता है, जिसकी अनुमानित वैल्यू लगभग 40,000 करोड़ रुपये हो सकती है।

  • क्या होगा जियो का लक्ष्य?
    रिलायंस जियो का लक्ष्य इस आईपीओ के जरिए अपनी कंपनी की कुल वैल्यू 10 लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है।
  • निवेशकों को क्या ध्यान देना चाहिए?
    जियो का मजबूत ग्राहक आधार और 5G विस्तार की योजनाएं इसे आकर्षक बना सकती हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा और सरकारी नियमों पर भी नजर रखनी होगी।

3. एनएसडीएल (NSDL): भारत की प्रमुख डिपॉजिटरी फर्म की लिस्टिंग

भारत की अग्रणी डिपॉजिटरी फर्म नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) भी 2025 में आईपीओ लाने की योजना बना रही है। कंपनी इस आईपीओ के जरिए करीब 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।

  • क्या हैं संभावित चुनौतियाँ?
    इस आईपीओ को अभी कुछ नियामक अनुमोदनों (Regulatory Approvals) की आवश्यकता है, जिसके कारण इसमें देरी हो सकती है।
  • निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
    भारत में बढ़ती डीमैट और निवेशकों की संख्या इसे एक मजबूत दावेदार बना सकती है।

4. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स: दक्षिण कोरियाई दिग्गज की भारत में एंट्री

दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में अपनी सहायक कंपनी के लिए 15,000 करोड़ रुपये के आईपीओ की तैयारी कर रही है।

  • कैसा होगा आईपीओ स्ट्रक्चर?
    इसमें केवल ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल होगा, यानी कंपनी नई पूंजी नहीं जुटाएगी, बल्कि मौजूदा निवेशक अपने शेयर बेचेंगे।
  • निवेशकों के लिए क्या महत्वपूर्ण होगा?
    एलजी ब्रांड की मजबूत पकड़, भारत में बढ़ती उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स मांग और कंपनी की ग्रोथ इसे एक दिलचस्प निवेश अवसर बना सकते हैं।

5. जेएसडब्ल्यू सीमेंट: निर्माण क्षेत्र का उभरता सितारा

जेएसडब्ल्यू ग्रुप की सीमेंट कंपनी जेएसडब्ल्यू सीमेंट भी 4,000 करोड़ रुपये के आईपीओ की योजना बना रही है।

  • आईपीओ का स्ट्रक्चर कैसा होगा?

2,000 करोड़ रुपये के नए शेयर, 2,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS)

  • कंपनी फंड्स का उपयोग कैसे करेगी?
    इस राशि का उपयोग कंपनी अपने विस्तार और ऋण चुकाने के लिए करेगी।
  • क्या निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है?
    भारत में बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी के कारण यह आईपीओ एक आकर्षक विकल्प हो सकता है।

6. ज़ेप्टो: क्विक कॉमर्स का नया दावेदार

तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ज़ेप्टो भी 2025 में अपना आईपीओ लॉन्च करने की दौड़ में है।

  • कितना फंड जुटाने की योजना है?
    ज़ेप्टो इस आईपीओ के जरिए 7,000-8,800 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
  • कब तक आएगा आईपीओ?
    कंपनी अप्रैल 2025 तक सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
  • जोमैटो और स्विगी से मुकाबला
    ज़ेप्टो को जोमैटो और स्विगी जैसी दिग्गज कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।

क्या 2025 का आईपीओ बाजार निवेश के लिए सही रहेगा?

2025 में कई बड़े आईपीओ आने की संभावना है, जो निवेशकों के लिए शानदार अवसर पेश कर सकते हैं। लेकिन बाजार की अस्थिरता और कंपनियों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही निवेश करना समझदारी होगी।

निवेशकों को क्या ध्यान रखना चाहिए?

  1. आईपीओ दस्तावेज को ध्यान से पढ़ें – किसी भी कंपनी के आईपीओ में निवेश करने से पहले उसके ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) और वित्तीय रिपोर्ट्स को समझें।
  2. बाजार की स्थिति पर नजर रखें – शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के समय निवेश करने से बचें।
  3. लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण अपनाएं – केवल लिस्टिंग गेन के लिए निवेश न करें, बल्कि लॉन्ग-टर्म वैल्यू पर ध्यान दें।
  4. कंपनी की इंडस्ट्री और प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण करें – किसी भी कंपनी की बाजार में स्थिति और उसके प्रतिस्पर्धियों को समझना जरूरी है।


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