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What is fatty liver and the risks: फैटी लिवर, जिसे हेपेटिक स्टेटोसिस भी कहा जाता है, एक तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। यह मुख्य रूप से अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, गलत खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण होता है। सरल शब्दों में, यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब लीवर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है, जिससे इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। यदि इसे समय पर नियंत्रित नहीं किया जाए, तो यह फाइब्रोसिस, सिरोसिस या लिवर फेल्योर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इस लेख में, हम फैटी लीवर के लक्षण, कारण और इसे रोकने के प्रभावी उपायों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
फैटी लीवर के लक्षण
फैटी लीवर का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके शुरुआती चरण में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते। लेकिन जब स्थिति गंभीर होने लगती है, तो शरीर में कुछ संकेत मिलने लगते हैं, जो इस बीमारी की ओर इशारा करते हैं।
फैटी लीवर के प्रमुख लक्षण:
लगातार थकान और कमजोरी – शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है और हमेशा थकावट रहती है।
पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द – लीवर प्रभावित होने के कारण इस क्षेत्र में हल्का दर्द या असहजता महसूस हो सकती है।
वजन बढ़ना या अचानक वजन घटना – अनियमित वजन परिवर्तन लीवर से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
भूख में कमी – खाने की इच्छा कम हो जाती है, जिससे शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता।
पेट में सूजन या जलन – लीवर में चर्बी जमा होने के कारण पेट फूला हुआ महसूस हो सकता है।
त्वचा और आंखों में पीलापन (पीलिया) – यह फैटी लीवर के अधिक गंभीर मामलों में देखा जाता है।
पैरों और पेट में सूजन – शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने से सूजन आ सकती है।
यदि इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
फैटी लीवर होने के मुख्य कारण
फैटी लीवर मुख्य रूप से गलत खान-पान और जीवनशैली से जुड़ी समस्या है। आइए जानें, किन कारणों से यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।
1. असंतुलित आहार
अधिक तली-भुनी चीजें, फास्ट फूड और जंक फूड खाने से लीवर में वसा जमा हो जाती है। प्रसंस्कृत (Processed) खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी इसे बढ़ावा देता है। बहुत अधिक चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन फैटी लीवर का मुख्य कारण है।
2. मोटापा और वजन बढ़ना
शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने से लीवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। वजन बढ़ने से लीवर इंसुलिन प्रतिरोधकता (Insulin Resistance) विकसित कर सकता है, जिससे फैटी लीवर की संभावना बढ़ जाती है।
3. अत्यधिक शराब का सेवन
शराब लीवर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और फैटी लीवर की समस्या को गंभीर बना सकती है। नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर भी हो सकता है, लेकिन शराब पीने वालों में यह अधिक तेजी से बढ़ता है।
4. डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल
मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर वाले लोगों में फैटी लीवर का खतरा ज्यादा होता है। अनियंत्रित ब्लड शुगर लीवर में वसा जमा करने का कारण बनता है।
5. शारीरिक गतिविधि की कमी
जो लोग व्यायाम नहीं करते या बैठे-बैठे ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें फैटी लीवर की संभावना अधिक होती है।
फैटी लीवर को रोकने और ठीक करने के उपाय
फैटी लीवर को समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कुछ जरूरी उपाय अपनाने चाहिए:
1. संतुलित आहार अपनाएं
ताजे फल और सब्जियां खाएं, जो फाइबर से भरपूर होते हैं। प्राकृतिक रूप से उगाए गए अनाज, नट्स और बीज खाएं। प्रोटीन युक्त आहार लें, जैसे दालें, अंडा, मछली और चिकन। चीनी और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें।
2. नियमित व्यायाम करें
हर दिन कम से कम 30-40 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें। योग और प्राणायाम करें, जिससे लीवर की सेहत में सुधार होता है। पैदल चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना और एरोबिक्स जैसे कार्डियो व्यायाम करें।
3. वजन नियंत्रण में रखें
अधिक वजन लीवर पर दबाव डालता है, इसलिए इसे कम करें। धीरे-धीरे सही डाइट और एक्सरसाइज से वजन कम करें।
4. शराब और तंबाकू से दूर रहें
शराब लीवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है, इसे पूरी तरह से छोड़ दें। तंबाकू और धूम्रपान से लीवर की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है।
5. पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन
हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद लें। तनाव कम करें क्योंकि अधिक तनाव से लीवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।