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Health Tips For Milk : दूध एक संपूर्ण आहार माना जाता है, क्योंकि इसमें शरीर के लिए आवश्यक कैल्शियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, विटामिन D और अन्य पोषक तत्व होते हैं। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों और बुजुर्गों के लिए दूध का सेवन बेहद जरूरी माना जाता है।

हालांकि, कुछ परिस्थितियों में दूध पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। कई लोग दूध को पचा नहीं पाते या फिर कुछ विशेष बीमारियों में इसका सेवन करने से उनके लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। अगर आपको भी नीचे दी गई 5 स्वास्थ्य समस्याओं में से कोई परेशानी है, तो दूध पीने से बचना ही बेहतर होगा।

1. शरीर में सूजन होने पर दूध से परहेज करें

अगर आपके शरीर में सूजन (Inflammation) की समस्या है, तो दूध पीने से बचना चाहिए।

क्यों?

  • दूध में संतृप्त वसा (Saturated Fat) पाई जाती है, जिसमें लिपोपॉलीसेकेराइड्स नामक तत्व होते हैं, जो सूजन को बढ़ाने का काम करते हैं।
  • अधिक मात्रा में दूध पीने से शरीर में साइटोकिन्स (Cytokines) नामक तत्व बढ़ जाते हैं, जो क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • गठिया, जोड़ों के दर्द या सूजन संबंधी किसी अन्य बीमारी से पीड़ित लोगों को दूध के सेवन से बचना चाहिए।

2. लीवर की समस्या हो तो दूध से दूरी बनाएं

अगर किसी व्यक्ति को फैटी लीवर, हेपेटाइटिस या लिवर से जुड़ी कोई अन्य समस्या है, तो दूध पीना उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

क्यों?

  • लीवर सही ढंग से दूध को पचाने और उत्सर्जित करने में असमर्थ हो सकता है, जिससे लीवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
  • फैटी लीवर की स्थिति में दूध अतिरिक्त वसा जमा कर सकता है, जिससे लीवर की कार्यक्षमता और भी कमजोर हो जाती है।
  • लीवर में सूजन बढ़ने पर पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जिससे अपच, गैस और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।

अगर आपको लिवर से जुड़ी कोई भी समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लिए बिना दूध का सेवन न करें।

3. PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से पीड़ित महिलाओं को दूध से बचना चाहिए

PCOS एक हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी समस्या है, जो महिलाओं में अधिक पाई जाती है।

क्यों?

  • दूध और डेयरी उत्पादों में एण्ड्रोजन (Androgen) और इंसुलिन का स्तर बढ़ाने वाले तत्व होते हैं, जो PCOS की समस्या को और गंभीर बना सकते हैं।
  • अधिक दूध पीने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है, जिससे मोटापा और हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है।
  • दूध में मौजूद कैसिइन प्रोटीन शरीर में इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स को ट्रिगर कर सकता है, जिससे PCOS से जुड़ी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।

PCOS से पीड़ित महिलाओं को नारियल दूध, सोया दूध या बादाम दूध का सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये हार्मोन बैलेंस बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

4. लैक्टोज इन्टॉलरेंस और एलर्जी वाले लोगों को दूध से परहेज करना चाहिए

अगर आपको लैक्टोज इन्टॉलरेंस (Lactose Intolerance) या दूध से एलर्जी है, तो इसका सेवन आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।

क्यों?

  • दूध में लैक्टोज नामक एक प्रकार की शुगर होती है, जिसे कुछ लोग पचा नहीं पाते।
  • लैक्टोज इन्टॉलरेंस के कारण पेट दर्द, गैस, डायरिया, सूजन और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • दूध से एलर्जी वाले लोगों को स्किन रैश, खुजली, सूजन और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

यदि आपको दूध पचाने में दिक्कत होती है, तो सोया, नारियल, ओट्स या बादाम दूध एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

5. साइनस, ब्रोंकाइटिस या बलगम की समस्या वाले लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए

अगर आपको सर्दी, खांसी, साइनस या ब्रोंकाइटिस की समस्या है, तो दूध से परहेज करें।

क्यों?

  • दूध पीने से शरीर में म्यूकस (बलगम) का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  • दूध और डेयरी उत्पाद सर्दी-जुकाम के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं।
  • जिन लोगों को बार-बार गले में खराश, ब्रोंकाइटिस या अस्थमा की शिकायत रहती है, उन्हें दूध का सेवन सीमित कर देना चाहिए।

इस समस्या से बचने के लिए आप गर्म पानी, हर्बल टी या अदरक-शहद के साथ हल्दी का सेवन कर सकते हैं।


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