अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है। आमतौर पर अपने तीखे और विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले ट्रंप अब अपनी कमजोर याददाश्त की वजह से लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। हाल ही में व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति की पत्नी उषा वेंस का नाम भूलकर उन्हें बस "हमारे महान उपराष्ट्रपति की पत्नी" कहकर संबोधित कर दिया। यह चूक तुरंत ही लोगों की नजर में आ गई और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई।
इस घटना ने लोगों को जो बाइडेन की भूलने की आदतों की भी याद दिला दी। राष्ट्रपति बाइडेन भी कई बार भाषणों के दौरान नाम भूलते रहे हैं। एक बार तो वह व्हाइट हाउस के ही एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम सही से नहीं ले पाए और उन्हें "कॉम-ए-ला" कहकर पुकारा। ट्रंप के साथ भी कुछ ऐसा ही हो गया, जिससे यह सवाल उठने लगे कि क्या उम्र बढ़ने के साथ-साथ याददाश्त भी जवाब देने लगी है?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप उषा वेंस की तारीफ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें उषा के प्रति "गहरी श्रद्धा" है, लेकिन जब उनका नाम लेने की बारी आई, तो वे भूल गए और केवल "उपराष्ट्रपति की पत्नी" कहकर काम चला लिया। इसके बाद उन्होंने उषा को "बहुत होशियार महिला" और "बहुत अच्छी महिला" बताया। साथ ही यह भी कहा कि उन्हें ग्रीनलैंड के विचार से बेहद लगाव है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
ट्रंप की यह भूल सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई। कई यूज़र्स ने इसे ट्रंप की उम्र का असर बताया और कहा कि उनकी याददाश्त अब पहले जैसी नहीं रही। कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि ट्रंप और बाइडेन दोनों की उम्र अब ऐसे पदों के लिए उपयुक्त नहीं रह गई है, जहां तेज़ दिमाग और चुस्ती-फुर्ती की ज़रूरत होती है।
इस बीच, एक और मामला भी सामने आया जिसने ट्रंप के बयान को और विवादित बना दिया। ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उषा वेंस और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज 27 मार्च को ग्रीनलैंड की यात्रा पर जा रहे हैं और उन्हें वहां की सरकार से "निमंत्रण" मिला है। लेकिन ग्रीनलैंड सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि न तो किसी सरकारी और न ही निजी यात्रा के लिए ऐसा कोई निमंत्रण भेजा गया है।
ग्रीनलैंड की प्रतिक्रिया और बढ़ती कूटनीतिक तल्खी
ग्रीनलैंड सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए स्पष्ट किया कि अमेरिका से किसी प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित नहीं किया गया है। इसके बाद ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बी. एगेडे का भी एक तीखा बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा को "शक्ति का प्रदर्शन" कहा जा सकता है। उनके मुताबिक, ग्रीनलैंड में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की उपस्थिति कोई मैत्रीपूर्ण दौरा नहीं है, बल्कि यह एक कूटनीतिक कदम है जो किसी विशेष उद्देश्य के तहत उठाया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ ट्रंप की याददाश्त पर सवाल उठाए हैं, बल्कि अमेरिका और ग्रीनलैंड के बीच कूटनीतिक संबंधों में भी एक नई बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि इस पर अमेरिकी प्रशासन और ट्रंप की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।
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Brijendra
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