USA News : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ नीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि जो भी देश अमेरिका को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा, उस पर टैरिफ लगाया जाएगा। फ्लोरिडा में एक रिपब्लिकन पार्टी कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने भारत, चीन और ब्राजील का नाम लेते हुए कहा कि ये देश अमेरिका पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, लेकिन अब अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
अमेरिका के हितों को प्राथमिकता देने की बात
फ्लोरिडा में दिए गए भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,
"हम उन देशों पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं, जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। ये देश भले ही अपने फायदे के लिए ऐसा कर रहे हों, लेकिन इसका असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। अब हम अमेरिका को पहले स्थान पर रखेंगे और किसी भी अन्याय को सहन नहीं करेंगे।"
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका अब अपनी अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए निष्पक्ष व्यवस्था बनाएगा, जिससे किसी भी देश को अनुचित लाभ न मिले।
भारत, चीन और ब्राजील पर टैरिफ बढ़ाने के संकेत
ट्रंप ने खासतौर पर भारत, चीन और ब्राजील का जिक्र करते हुए कहा कि ये देश अमेरिका पर ऊंचे टैरिफ लगाते हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि अब इन देशों को भी अमेरिका में व्यापार करने के लिए समान नियमों का पालन करना होगा।
"भारत, ब्राजील और अन्य देश अमेरिका पर जबरदस्त टैरिफ लगाते हैं, लेकिन अब हम ऐसा नहीं होने देंगे। अगर ये देश अपने व्यापार को जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें हमारी शर्तें माननी होंगी।"
पीएम मोदी से बातचीत, फरवरी में हो सकती है मुलाकात
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरवरी में दोनों नेताओं की मुलाकात भी हो सकती है, जहां टैरिफ और व्यापार संतुलन को लेकर बातचीत हो सकती है।
अमेरिका को अमीर और ताकतवर बनाने का प्लान
ट्रंप ने अपने भाषण में यह भी कहा कि अमेरिका को अमीर बनाने के लिए एक निष्पक्ष व्यापार नीति जरूरी है। उन्होंने कहा,
"दूसरे देशों को समृद्ध करने के लिए अपने नागरिकों पर कर लगाने के बजाय, हमें विदेशी देशों पर कर लगाकर अपने नागरिकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहिए।"
ट्रंप ने आगे कहा कि अगर भारत, चीन या ब्राजील की कंपनियां ऊंचे टैरिफ से बचना चाहती हैं, तो उन्हें अमेरिका में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने होंगे।
अमेरिकी कंपनियों को मिलेगा फायदा
ट्रंप की इस नीति का मकसद अमेरिका में अधिक निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करना है। वे चाहते हैं कि विदेशी कंपनियां अमेरिका में अपने उत्पादन केंद्र स्थापित करें, जिससे स्थानीय लोगों को नौकरी मिले और अमेरिकी अर्थव्यवस्था और मजबूत हो।