Cancer Unknown Facts : कैंसर से जूझने वाले कई मरीजों के मन में यह सवाल होता है कि क्या वे इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो सकते हैं? अक्सर देखने में आता है कि कैंसर से ठीक होने के कुछ साल बाद मरीज फिर से इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। आखिर कैंसर दोबारा क्यों होता है, किन लोगों को अधिक खतरा होता है और इसे कैसे रोका जा सकता है? इन सवालों के जवाब देने के लिए सीके बिड़ला अस्पताल की मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पूजा बब्बर और फोर्टिस अस्पताल के डॉ. अमित भार्गव ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।
किन लोगों में कैंसर के दोबारा होने का खतरा अधिक होता है?
डॉ. पूजा बब्बर बताती हैं कि कैंसर दोबारा होने के पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। डॉक्टरों को सबसे पहले यह पता लगाना होता है कि मरीज को पहले कौन सा कैंसर था और वह किस स्टेज पर ठीक हुआ था।
स्टेज 3 और 4 के कैंसर मरीजों में पुनरावृत्ति की संभावना अधिक होती है।
कैंसर की प्रकार और उसकी उत्पत्ति भी इसके दोबारा होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कैंसर शरीर के किन हिस्सों पर दोबारा हमला कर सकता है?
डॉ. पूजा के अनुसार, कुछ प्रकार के कैंसर दूसरी बार होने की अधिक संभावना रखते हैं।
यकृत (लीवर) और पेट के कैंसर का पुनरावृत्ति जोखिम अधिक होता है।
स्तन कैंसर दोबारा होने की संभावना बेहद कम होती है।
कैंसर दोबारा होगा या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है कि पहली बार कौन सा अंग प्रभावित हुआ था।
कैंसर दोबारा क्यों होता है?
डॉ. बब्बर बताती हैं कि कैंसर के इलाज के दौरान कुछ कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह नष्ट नहीं हो पातीं। ये कोशिकाएं उपचार के दौरान निष्क्रिय हो जाती हैं, लेकिन समय के साथ फिर से सक्रिय हो सकती हैं और कैंसर को दोबारा जन्म दे सकती हैं।
कैंसर के दोबारा होने के जोखिम को कैसे कम करें?
डॉ. पूजा कहती हैं कि कैंसर से उबरने के बाद मरीज को अपनी जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए, जिससे दोबारा कैंसर होने का खतरा कम हो सके।
1. नियमित व्यायाम और योग करें
कई मेडिकल स्टडीज बताती हैं कि योग और व्यायाम कैंसर के दोबारा होने के जोखिम को कम करते हैं।
रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
2. संतुलित और पौष्टिक आहार लें
हरी सब्जियां, ताजे फल, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर भोजन लें।
ज्यादा प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड खाने से बचें।
ज्यादा चीनी और वसा वाले खाद्य पदार्थ न खाएं, क्योंकि यह कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
3. बुरी आदतों को त्यागें
शराब और सिगरेट का सेवन पूरी तरह छोड़ दें, क्योंकि यह कैंसर के पुनरावृत्ति का सबसे बड़ा कारण हो सकते हैं।
शराब और तंबाकू का सेवन कैंसर कोशिकाओं को दोबारा सक्रिय कर सकता है।
4. तनाव को कम करें और पर्याप्त नींद लें
तनाव और नींद की कमी से शरीर में 'कॉर्टिसोल' हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो कैंसर के दोबारा होने की संभावना को बढ़ा सकता है।
रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें और मेडिटेशन करें।
अगर कैंसर दोबारा हो जाए तो क्या इलाज संभव है?
डॉक्टरों के मुताबिक, अगर कैंसर दोबारा हो जाए तो उसका इलाज पहले से भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
कीमोथेरेपी के अलावा टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और कार्पल सेल थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर कैंसर 6 महीने के अंदर दोबारा लौट आता है, तो उसका इलाज मुश्किल हो सकता है।
दूसरी बार कैंसर पहले से ज्यादा आक्रामक हो सकता है, इसलिए नियमित जांच करवाना बेहद जरूरी है।
कैंसर से बचाव के लिए मेडिकल चेकअप क्यों जरूरी है?
डॉ. पूजा बब्बर और डॉ. अमित भार्गव के अनुसार, नियमित हेल्थ चेकअप कैंसर के पुनरावृत्ति के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
ब्लड टेस्ट समय-समय पर कराएं – कुछ कैंसर शरीर में छिपे रहते हैं और उनके लक्षण जल्दी नहीं दिखते।
समय-समय पर स्कैन और बायोप्सी करवाएं, खासकर अगर आपको पहले कैंसर हो चुका है।
किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।