Blackrock Adani Investments: अमेरिका की दिग्गज निवेश कंपनी ब्लैकरॉक ने हाल ही में अडानी समूह में एक बड़ा निवेश कर एक बार फिर वैश्विक निवेश जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ब्लैकरॉक, जो दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में से एक है और 12 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की संपत्तियों का प्रबंधन करती है, अडानी समूह के 750 मिलियन डॉलर के निजी डॉलर बॉन्ड इश्यू में सबसे बड़ा निवेशक बनकर उभरी है। यह बॉन्ड तीन से पांच साल की अवधि के लिए है और ब्लैकरॉक ने इसका लगभग एक-तिहाई हिस्सा खरीदा है।
यह अडानी समूह का दूसरा निजी डॉलर बॉन्ड इश्यू है। इससे पहले फरवरी में कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में अपने बंदरगाह ऑपरेशंस के लिए करीब 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। लेकिन इस बार का निवेश चार गुना बड़ा है और इसलिए भी खास है क्योंकि यह उस समय हुआ है जब अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) अडानी समूह की जांच कर रहा है।
ब्लैकरॉक का यह निर्णय दर्शाता है कि वह अडानी समूह की क्षमता और दीर्घकालिक योजनाओं में पूरा भरोसा रखता है। यह ऐसे समय में और भी ज्यादा अहम हो जाता है जब अडानी समूह कानूनी जाँच के कारण सार्वजनिक निगरानी में है। ब्लैकरॉक की इस भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी कंपनी को लगता है कि मौजूदा जांच अडानी के कारोबार पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं डालेगी।
ब्लैकरॉक का यह निवेश भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में उसका पहला निजी प्लेसमेंट है। इससे पहले ब्लैकरॉक के चेयरमैन लैरी फिंक ने कहा था कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर दीर्घकालिक निवेश के सबसे बड़े अवसरों में से एक है क्योंकि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर बदलाव लाता है। उन्होंने यह भी बताया था कि कंपनी ने ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स (GIP) का 12.5 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण कर लिया है, जिससे कंपनी अब बंदरगाहों, पावर सेक्टर और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अहम भूमिका निभा रही है।
2025 के लिए अपने निवेश दृष्टिकोण में लैरी फिंक ने यह भी कहा था कि हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां से इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के अवसर बेहद विशाल हो जाएंगे। उन्होंने 2040 तक वैश्विक स्तर पर 68 ट्रिलियन डॉलर की मांग की संभावना जताई थी।
अडानी समूह के इस बॉन्ड इश्यू में ब्लैकरॉक के अलावा पांच और संस्थागत निवेशकों ने हिस्सा लिया है, जिनमें मुख्य रूप से अमेरिका और यूरोप के निवेशक शामिल हैं। अडानी समूह इसे अपने प्रति वैश्विक निवेशकों के बढ़ते विश्वास के रूप में देखता है, खासकर उस समय जब कंपनी पर DOJ की जांच के कारण बाहरी निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
इसके अलावा, अडानी समूह ने हाल ही में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए आईटीडी सीमेंटेशन में 5,888.57 करोड़ रुपये में 46.64% हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है। यह कंपनी कई बड़े बंदरगाहों जैसे जेएनपीटी, तूतीकोरिन, मुंद्रा और विझिनजाम के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी है। इस अधिग्रहण के जरिए अडानी अपनी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षमताओं को और मजबूती देना चाहता है।
इसके साथ ही अडानी ने ओपन ऑफर के ज़रिए 10.50 करोड़ रुपये की कीमत पर अतिरिक्त 20.81% हिस्सेदारी भी खरीदी है, जिससे उसकी हिस्सेदारी और मजबूत हुई है। यह सौदा कंपनी की लॉन्ग टर्म रणनीति और भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मानकों पर विकसित करने के मिशन का हिस्सा है।
Read More: बजाज फाइनेंस ने किया ट्रिपल सरप्राइज: बोनस, स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड का ऐलान, शेयर 5% टूटा"
Brijendra
Share



