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हाल के दिनों में शेयर बाजार में जो भारी गिरावट आई है, उसके साथ ही सोने की कीमतों में भी विशेष गिरावट देखने को मिली है। पिछले तीन दिनों में सोने की कीमत लगभग 1600 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ती हो चुकी है, जिससे निवेशक और आभूषण प्रेमी दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं। इस लेख में हम सोने और चांदी की गिरती कीमतों, इसके कारणों और भविष्य में इसके प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

1. सोने की कीमत में भारी गिरावट

पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में जो गिरावट आई है, उसने बाजार को हिला कर रख दिया है। स्थानीय बाजार में सोने का भाव 537 रुपये घटकर 85,056 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 500 रुपये घटकर 87,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो दो सप्ताह का निचला स्तर है। यह जानकारी अखिल भारतीय सर्राफा एसोसिएशन ने दी है। पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

हालांकि, यदि हम 2025 के पहले दो महीनों को देखें, तो सोने की कीमतों में तेजी देखी गई थी। जनवरी में सोने की कीमत 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब 8,310 रुपये या 10.5 प्रतिशत बढ़कर 87,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह दर्शाता है कि साल 2025 की शुरुआत में सोने की कीमत में मजबूती आई थी, लेकिन अब गिरावट की शुरुआत हो गई है। फिलहाल, 99.5 फीसदी शुद्ध सोने का भाव 500 रुपये गिरकर 87,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो पिछले बंद भाव से कम है।

2. चांदी की कीमत में गिरावट

सोने के अलावा, चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। चांदी की कीमत लगातार तीसरे दिन गिरकर 2,100 रुपये घट गई और यह 96,400 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। इससे पहले चांदी का बंद भाव 98,500 रुपये प्रति किलोग्राम था।

चांदी की कीमतों में इस गिरावट का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में तेजी से उछाल है। डॉलर के मजबूत होने के कारण वैश्विक बाजार में सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से मैक्सिको और कनाडा पर नए टैरिफ की घोषणा ने भी डॉलर को मजबूत किया, जिससे सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई।

3. डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव

कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर इंडेक्स में तेज उछाल ने सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण बनकर उभरा है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा मैक्सिको और कनाडा पर 4 मार्च से नए टैरिफ की घोषणा के बाद डॉलर की ताकत बढ़ी है, जिससे कीमती धातुओं की कीमतों पर दबाव पड़ा। इसके साथ ही, चीन पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा ने बाजारों में इस उम्मीद को तोड़ा कि टैरिफ को स्थगित किया जा सकता है।

इस तरह के वैश्विक घटनाक्रमों के कारण सोने और चांदी के भाव में गिरावट आई है। इसके अलावा, कॉमेक्स सोना वायदा भी 21.20 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,874.70 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया है, और हाजिर सोना भी 15 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,862.53 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। यह संकेत करता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमती धातुओं के भाव में गिरावट जारी रह सकती है।

4. अमेरिकी डॉलर का प्रभाव: सोने की कीमतों में सुधार

अबांस होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चिंतन मेहता का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों में सुधार हो रहा है। उनका मानना है कि यह स्थिति यह दर्शाती है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति के दबाव के कारण ब्याज दरों में कटौती करने में देरी कर सकता है। यह स्थिति सोने के भाव को स्थिर या कम करने का कारण बन रही है, क्योंकि उच्च ब्याज दरों के साथ सोने के लिए वैकल्पिक निवेशों की स्थिति बेहतर हो सकती है।

एशियाई बाजार में कॉमेक्स चांदी वायदा 1.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.72 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। यह स्थिति दर्शाती है कि सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट वैश्विक बाजारों में जारी रहेगी, खासकर जब तक डॉलर की मजबूती बनी रहती है।

5. भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों का अनुमान

हालांकि वर्तमान में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन भविष्य में इनकी कीमतों का अनुमान इस बात पर निर्भर करेगा कि डॉलर की स्थिति क्या रहती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में कौन से बदलाव होते हैं। यदि डॉलर की मजबूती जारी रहती है, तो सोने और चांदी की कीमतों में और गिरावट हो सकती है। वहीं, यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतों में सुधार हो सकता है।


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