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5 अगस्त से श्रावण मास शुरू हो रहा है. इस अवसर पर कुछ उपाय करने से जीवन में आने वाले कष्टों और बाधाओं का निवारण हो सकता है।

इस बार श्रावण मास में विशेष ग्रह स्थितियां देखने को मिल सकती हैं। ग्रह संबंधी कष्टों, महादशा-अंतर्दशा या कुंडली में चल रही स्थिति से छुटकारा पाने के लिए सावन माह में ग्रह गोचर ग्रहों की स्थिति और अपनी व्यक्तिगत ग्रह स्थिति के अनुसार नकारात्मक ग्रहों की शांति करें।

इस बार श्रावण मास में विशेष ग्रह स्थितियां देखने को मिल सकती हैं। ग्रह संबंधी कष्टों, महादशा-अंतर्दशा या कुंडली में चल रही स्थिति से छुटकारा पाने के लिए सावन माह में ग्रह गोचर ग्रहों की स्थिति और अपनी व्यक्तिगत ग्रह स्थिति के अनुसार नकारात्मक ग्रहों की शांति करें।

यदि जन्म कुंडली में सूर्य संबंधी समस्या है तो रविवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें और श्रद्धापूर्वक शिव मंत्रों का जाप करें।

यदि जन्म कुंडली में सूर्य संबंधी समस्या है तो रविवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें और श्रद्धापूर्वक शिव मंत्रों का जाप करें।

जन्म कुंडली में चंद्रमा से संबंधित समस्या हो तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं या रुद्राभिषेक करें।

जन्म कुंडली में चंद्रमा से संबंधित समस्या हो तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं या रुद्राभिषेक करें।

यदि जन्म कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित समस्या है तो मंगलवार के दिन शिव जी को मंगला गौरी व्रत का भोग लगाएं और शिव पार्वती की पूजा करें।

यदि जन्म कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित समस्या है तो मंगलवार के दिन शिव जी को मंगला गौरी व्रत का भोग लगाएं और शिव पार्वती की पूजा करें।

यदि जन्म कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित पीड़ा हो तो श्रावण माह में बुधवार के दिन भगवान शंकर का गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।

यदि बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने के कारण लड़की के विवाह आदि में बाधा आ रही हो तो शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं।

यदि बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने के कारण लड़की के विवाह आदि में बाधा आ रही हो तो शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं।

यदि कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित कोई समस्या है तो भगवान शिव का पंचामृत, शहद और घी से अभिषेक करें।

यदि कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित कोई समस्या है तो भगवान शिव का पंचामृत, शहद और घी से अभिषेक करें।

यदि शनि की साढ़ेसाती या राहु-केतु संबंधी कष्टों से कष्ट हो तो श्रावण में शनिवार के दिन शिवलिंग पर जल में काले तिल मिलाकर चढ़ाना चाहिए।

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