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The News 11 Live , Digital Desk:  2025 की गर्मी में 1 मई सिर्फ छुट्टी का दिन नहीं, बल्कि साउथ सिनेमा प्रेमियों के लिए जश्न का दिन बन गया है। सिनेमा स्क्रीन पर चार धमाकेदार फिल्में एक साथ रिलीज हो रही हैं, जो दर्शकों को हंसाएंगी, रुलाएंगी और सीट से बांधे रखेंगी। अलग-अलग भाषाओं, भावनाओं और जॉनर की ये फिल्में दर्शकों को एक संपूर्ण सिनेमाई अनुभव देने के लिए तैयार हैं।

एक तरफ ‘हिट 3’ जैसे हाई-वोल्टेज एक्शन थ्रिलर से लेकर ‘पप्पी’ जैसी भावनात्मक पारिवारिक कहानी है, तो दूसरी ओर ‘रेट्रो’ जैसे रोमांटिक मिशन पर आधारित फिल्म और ‘टूरिस्ट फैमिली’ जैसी सामाजिक मुद्दों पर आधारित संवेदनशील कथा भी है।

हर फिल्म का कंटेंट अनोखा है, और हर कहानी एक अलग भावनात्मक रेंज को छूती है। यह दिन सिर्फ टिकट खिड़कियों की भीड़ के लिए नहीं, बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री की विविधता और ताकत को दिखाने के लिए भी याद रखा जाएगा।

2. 'हिट: द थर्ड केस' – थ्रिल, इमोशन और एक्शन का धमाका

नानी एक ऐसे अभिनेता हैं, जो इमोशन और एक्शन को संतुलित तरीके से स्क्रीन पर लाते हैं। ‘हिट: द थर्ड केस’ में वे एक बार फिर एक सख्त और जुनूनी पुलिस ऑफिसर अर्जुन सरकार के रूप में नजर आते हैं, जो हर कीमत पर सच्चाई तक पहुंचना चाहता है।

फिल्म में उनकी एक्टिंग बेहद प्रभावशाली लगती है और ट्रेलर से ही साफ हो जाता है कि ये रोल नानी के करियर के टॉप परफॉर्मेंस में से एक हो सकता है। उनके साथ श्रीनिधि शेट्टी और राव रमेश जैसे मजबूत कलाकार भी मौजूद हैं, जो फिल्म को और मजबूती देते हैं।

'हिट यूनिवर्स' का विस्तार और कहानी की नई परतें

‘हिट: द फर्स्ट केस’ और ‘हिट 2’ की सफलता के बाद, यह तीसरी किस्त ‘हिट यूनिवर्स’ को और मजबूत बनाती है। इस बार कहानी में एक 9 महीने के बच्चे के अपहरण का केस है, जो अर्जुन सरकार की संवेदनाओं को झकझोर देता है।

निर्देशक सैलेश कोलानू ने इस फिल्म को बेहद टाइट और इमोशनली चार्ज्ड तरीके से पेश किया है, जिससे यह सिर्फ एक क्राइम थ्रिलर नहीं, बल्कि एक इंसान की अपनी लड़ाई भी बन जाती है।

3. 'टूरिस्ट फैमिली' – संवेदनाओं से भरपूर प्रवासी संघर्ष की कहानी

‘टूरिस्ट फैमिली’ फिल्म एक बेहद संवेदनशील विषय को छूती है—प्रवासी तमिलों का संघर्ष, जो श्रीलंका से तमिलनाडु में बसने की कोशिश करते हैं। इस परिवार की कहानी, जिसमें सिमरन और शशिकुमार ने मुख्य भूमिका निभाई है, दर्शकों के दिलों को छूने वाली है।

फिल्म का ट्रेलर बेहद इमोशनल था, जिसमें दिखाया गया कि कैसे यह परिवार अपनी पहचान, अपनी संस्कृति और एक सुरक्षित जीवन की तलाश में किस तरह की सामाजिक और भावनात्मक चुनौतियों से जूझता है।

प्रवासी तमिलों की ज़िंदगी पर भावनात्मक दृष्टिकोण

निर्देशक अभिशन जीविंथ ने इस विषय को बेहद संतुलित तरीके से प्रस्तुत किया है—न ही फिल्म में अतिरंजना है, न ही ड्रामा के नाम पर संवेदनाओं की सस्ती बिक्री।

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी अरविंद विश्वनाथन द्वारा की गई है, जो विजुअल्स को रिच और गहराईपूर्ण बनाती है, जबकि सीन रोल्डन का म्यूज़िक फिल्म की आत्मा में गहराई से घुलता है।

4. 'रेट्रो' – सूर्या का रोमांटिक एक्शन अवतार

‘रेट्रो’ में सूर्या एक बार फिर अपने फैंस को एक शानदार एक्शन हीरो के रूप में दिखाई देंगे। लेकिन इस बार उनकी यात्रा सिर्फ ताकत दिखाने की नहीं, बल्कि प्यार पाने की भी है। फिल्म में वह परिवेल कन्नन की भूमिका निभाते हैं, जो अपने खोए हुए प्यार रुक्मिणी से दोबारा मिलने की जद्दोजहद में लगा है।

यह सिर्फ एक रोमांटिक कहानी नहीं, बल्कि एक मिशन है, जिसमें कई मोड़, एक्शन सीन्स और भावनात्मक झटके हैं।

कार्तिक सुब्बाराज का डायरेक्शन और सशक्त स्क्रीनप्ले

‘जिगरठंडा’ जैसी फिल्मों से मशहूर हुए निर्देशक कार्तिक सुब्बाराज इस फिल्म में एक बार फिर अपनी शैली में वापसी करते हैं। उनकी कहानियों में हमेशा एक डार्क, गूढ़ और सोचने पर मजबूर कर देने वाला एंगल होता है, जो ‘रेट्रो’ में भी मौजूद है।

पूजा हेगड़े, जोजू जॉर्ज, जयराम और प्रकाश राज जैसे अनुभवी कलाकार फिल्म को और मजबूत बनाते हैं। ट्रेलर की सिनेमेटिक ट्रीटमेंट से ही पता चलता है कि यह फिल्म थिएटर में देखने लायक है।

5. 'पप्पी' – मासूमियत, भावनाएं और परिवार का ताना-बाना

‘पप्पी’ एक सादगीभरी लेकिन बेहद प्रभावशाली फिल्म है, जो उत्तर कर्नाटक के एक गरीब परिवार की कहानी कहती है। यह परिवार बेहतर भविष्य की तलाश में बैंगलोर आता है, और वहां उनके जीवन की दिशा एक पप्पी (पालतू कुत्ते) के मिलने से बदल जाती है।

यह फिल्म संघर्ष, सपनों और परिवार के महत्व की एक दिल को छू लेने वाली कहानी है, जो बिना ज़्यादा ड्रामा के, सीधे दिल से जुड़ती है।

एक बच्चे और पप्पी की अनोखी बॉन्डिंग

फिल्म में बच्चे और पप्पी के बीच का रिश्ता सबसे मजबूत भावनात्मक सूत्र बनकर उभरता है। निर्देशक आयुष मल्ली ने इस रिश्ते को इतनी सादगी और सुंदरता से पेश किया है कि दर्शक हर दृश्य में इन दोनों के साथ महसूस करेंगे।

कॉमेडी, इमोशन और सामाजिक संदर्भों से भरी इस फिल्म की सिनेमाई प्रस्तुति और दिल से निकला संदेश इसे भीड़ से अलग बनाता है।


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